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हरिद्वार: तमाम नेता और परिजन ने भरे मन, किया आज अटल जी की अस्थियों का विसर्जन

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नई दिल्ली। दिवंगत सर्वप्रिय महान नेता एवं पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की अस्थियों का कलश लेकर उनकी पुत्री नमिता, दामाद रंजन भट्टाचार्य और नातिन निहारिका आज हरिद्वार में हर की पैड़ी पर स्थित ब्रह्मकुंड पहुंचे जहां वैदिक मंत्रोच्चार के बीच वाजपेयी की अस्थियों को गंगा में प्रवाहित किया गया। वहीं पहले से तय कार्यक्रम के अनुसार आज सुबह वाजपेयी की बेटी नमिता और पोती निहारिका द्वारा दिल्ली में स्मृति स्थल पर जाकर अटल जी की अस्थियों को एकत्रित किया गया।

गौरतलब है कि इस मौके पर जहां हर की पैड़ी पर गायत्री मंत्र के साथ ही अटल अमर रहे के नारे लगाए जा रहे हैं। बीच बीच मे अटल की कविताये और संसद में उनके भाषणों के अंश भी सुनाये जा रहे थे। वहीं इस दौरान भाजपा अध्यक्ष अमित शाह, केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष अजय भट्ट तथा हरिद्वार से भाजपा सांसद रमेश पोखरियाल निशंक भी मौजूद थे।

जबकि अस्थियां विसर्जित करने से पहले भल्ला कॉलेज ग्राउंड से लेकर हर की पैड़ी घाट तक कलश यात्रा निकाली गई, जिसमें भारी जनसैलाब उमड़ा। वही लालतरौ पुल पर अस्थि कलश के दर्शन के लिए उमड़ी लोगों की भीड़।  यात्रा के दौरान जय श्री राम के और अटल जी अमर रहे के नारे के साथ बड़ी संख्या में लोगों ने उनको श्रद्धांजलि दी।

वहीं आगे के कार्यक्रम की जानकारी देते हुए भाजपा नेता भूपेन्द्र यादव ने कहा कि देश के महान नेता वाजपेयी के लिए 20 अगस्त को यहां एक सर्वदलीय श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया जाएगा और इसी तरह की एक और सभा का आयोजन 21 अगस्त को लखनऊ में होगा। लखनऊ की सभा में गृह मंत्री और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के अलावा वाजपेयी के रिश्तेदार भी शामिल होंगे। उन्होंने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री की अस्थियां वहां गोमती नदी में भी विर्सिजत की जाएंगी।

इसी प्रकार रांची में झारखंड के मुख्यमंत्री रघुबर दास ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री की अस्थियां राज्य की चार-पांच नदियों में प्रवाहित की जाएंगी। उन्होंने कहा कि वाजपेयी ने झारखंड का निर्माण किया था और इसलिए उनका निधन हमारे लिए अपूरणीय क्षति है। दास ने कहा कि झारखंड की चार-पांच बड़ी नदियों में उनकी अस्थियां प्रवाहित की जाएंगी। एक आधिकारिक विज्ञप्ति के मुताबिक उन्होंने कहा कि सरकार उनके नाम पर कार्यक्रम शुरू करने और स्मारक बनाने पर भी विचार कर रही है ताकि आगामी पीढ़ियां उनके विचारों और कार्यों के बारे में जान सके।

ज्ञात हो कि रविवार को अस्थि विसर्जन कार्यक्रम के तहत शनिवार को ही उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने अस्थिकलश यात्रा को लेकर की जा रही तैयारियों की समीक्षा की। इसके बाद मुख्यमंत्री ने नेताओं समेत पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों के साथ हरकी पैड़ी का स्थलीय निरीक्षण किया। उल्लेखनीय है कि स्वतंत्र भारत के करिश्माई नेताओं में शामिल 93 वर्षीय वाजपेयी का निधन गुरुवार को हुआ था। शुक्रवार को पूरे राजकीय सम्मान के साथ उनका राष्ट्रीय स्मृति स्थल पर अंतिम संस्कार किया गया।

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