नई दिल्ली। एक कहावत है कि “आ बैल मुझे मार” जो कि मौजूदा हालात में कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू पर बिलकुल फिट बैठती है। दरअसल जब सिर्फ उनके पाकिस्तान में इमरान खान के शपथ गहण में जाने की खबर भर से मामला गर्माने लगा था। तो ऐसे में उनको वहां जाना ही नही चाहिए था और फिर उनके पास एक बहाना भी था कि राष्ट्रीय शोक के चलते वो इस तरह के कार्यक्रम में शामिल नही हो सकते। लेकिन फिर सिद्धू तो ठहरे सिद्धू! अंततः ओये गुरू कहने वाले सिद्धू कुछ यूं छा गये कि बैठे बिठाये लोगों के निशाने पर आ गये। अब देकर तमाम दुहाई देते फिर रहे हैं सफाई।
गौरतलब है कि कांग्रेस नेता एवं पंजाब के कैबिनेट मंत्री और पूर्व क्रिकेटर नवजोत सिंह सिद्धू पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान के शपथ ग्रहण समारोह में हिस्सा लेने के बाद आज भारत लौट आए। वो अटारी वाघा सीमा के रास्ते भारत में दाखिल हुए। वहीं पाकिस्तान में सेना प्रमुख जनरल बाजवा से गले मिलने को लेकर बुरी तरह से घिरे सिद्धू ने उसकी सफाई में कहा कि,” अगर कोई( जनरल बाजवा) मेरे पास आए और ये कहे कि हमारी साझी संस्कृति है और हम गुरु नानकदेव जी के 550वें प्रकाश पर्व पर करतारपुर बॉर्डर श्रद्धालुओं के लिए खोलेंगे, तो कोई क्या करेगा।”
इसके साथ ही शपथग्रहण समारोह में पीओके के प्रेसिडेंट मसूद खान के बगल में बैठने को लेकर सिद्धू की देश में काफी आलोचना हो रही है। भारत लौटने पर पंजाब के कैबिनेट मंत्री सिद्धू ने इस पर अपनी सफाई दी। उन्होंने कहा कि, अगर आपको कोई मेहमान बनाकर बुलाए तो आप वहीं बैठते हैं, जहां आपको कहा जाता है। मैं कही और बैठा था, लेकिन मुझे वहां बैठने के लिए कहा गया।
वहीं इस मामले में देश की सत्तारूढ़ पार्टी भाजपा समेत तमाम लोगों ने उनके पाकिस्तान जाने पर ही आपत्ति जताई थी वहीं पाक सेना के पमुख बाजवा से गले मिलने की सिद्धू की तस्वीरों से मामला और भी तूल पकड़ गया जिस पर उनकी पार्टी कांग्रेस के प्रवक्ता राशिद अलवी ने भी उनकी आलोचना की। बाकी तमाम देशवासी तो वैसे ही उनके खिलाफ लामबंद हो चुके हैं। जिसके तहत सोशल मीडिया पर उनकी शान में जमकर कसीदे पढ़े जा रहे हैं।
ज्ञात हो कि पाकिस्तान तहरीक ए इंसाफ के अध्यक्ष इमरान खान ने शनिवार को पाकिस्तान के प्रधानमंत्री पद की शपथ ली। इस शपथ के साथ ही वह पाकिस्तान के 22वें प्रधानमंत्री बने गए। पंजाब सरकार में मंत्री और कांग्रेस विधायक नवजोत सिंह सिद्धू इमरान के शपथ ग्रहण समारोह में हिस्सा लेने पहुंचे थे।
इससे पहले सिद्धू ने पाक मीडिया से बातचीत में कहा था कि,” मैं राजनेता नहीं, दोस्त बनकर यहां आया। मैं मोहब्बत का पैगाम लेकर हिंदुस्तान से यहां आया। जितनी मोहब्बत मैं लेकर आया था, उससे 100 गुना ज्यादा वापस लेकर जा रहा हूं। जो वापस आया वो सूद समेत है। मुझे जो एक दिन में मिला, वो पूरी जिंदगी नहीं मिलता। जनरल बाजवा ने मुझे गले लगाया और कहा कि हम शांति चाहते हैं।
इसके साथ ही सिद्धू ने कहा था कि बाजवा ने मुझसे कहा कि हम गुरु नानक देव की 550वीं जयंती के मौके पर करतारपुर गुरुद्वारे की तरफ जाने वाला रास्ता खोलने पर विचार कर रहे हैं। यह मेरा फर्ज है कि मैं देश वापस जाकर सरकार से एक कदम बढ़ाने को कहूं। अगर हम एक कदम आगे बढ़ाएंगे तो यहां के लोग दो कदम आगे बढ़ाएंगे।”