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नेताओं के लिए खतरे की घंटी: हर नेता के हुनर और ऐब, सामने लाऐगा अब ‘नेता ऐप’

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नई दिल्ली। नेतानगरी के लिए अब एक और मुसीबत के तौर पर एक ऐप लांच हुआ है जिसके चलते हर कोई अब आसानी से नेताओं की कुंडली जान सकेगा कि उन्होंने क्या-क्या किया जितने दावे-वादे किये उनमें से कितने पूरे किये या भुला दिये। सब कुछ इस ऐप के जरिये जनता आसानी से जान सकेगी।

गौरतलब है कि अगर कोई व्यक्ति अपने नेता के बारे में जानना चाहता है कि वह कैसा है, उसने क्या काम किया है, चुनाव में कौन-कौन से वादे किए थे और अब तक पूरे कितने किए हैं तो यह सब जानकारी महज एक एप से मिल जाएगी।  दरअसल अब आपके इलाके के सांसद और विधायक के कामों का रिपोर्ट कार्ड अब मोबाइल एप के जरिये जाना जा सकेगा। इस अनूठे ‘नेता एप’ को आज पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने लॉंच किया।

बताया जाता है कि  ‘नेता एप’ के जरिये जनप्रतिनिधियों के काम का आंकलन आम जनता द्वारा किये गये मूल्यांकन के आधार पर तैयार किया जायेगा। मुखर्जी ने इस एप को लोकतांत्रिक व्यवस्था में जनप्रतिनिधियों की जवाबदेही और जनता की भागीदारी बढ़ाने वाली पहल बताया।

उन्होंने कहा ‘‘लोकतंत्रिक व्यवस्था को जवाबदेही और पारदर्शिता के बिना कारगर नहीं बनाया जा सकता। तकनीक के माध्यम से नेताओं की जवाबदेही, जनता की भागीदारी और व्यवस्था में पारदर्शिता लाने में यह एप स्वागतयोग्य पहल है।’’ मुखर्जी ने कहा कि युवा आईटी विशेषज्ञ प्रथम मित्तल द्वारा विकसित नेता एप जनप्रतिनिधियों के कामकाज पर मतदाताओं और जनसामान्य की सतत निगरानी बनाये रखने के लिये कारगर हथियार साबित होगा।

इसके साथ ही मित्तल ने बताया कि एंड्रॉयड और आईओएस आधारित स्मार्ट फोन के अलावा वेबपोर्टल पर उपलब्ध नेता एप का इस्तेमाल कर कोई भी व्यक्ति अपने इलाके के सांसद और विधायक के काम का न सिर्फ रिपोर्टकार्ड जान सकेगा बल्कि उसके काम की रेटिंग भी खुद कर सकेगा।

उन्होंने बताया कि इस एप का प्रायोगिक आधार पर हाल ही में कर्नाटक विधानसभा चुनाव में सफल प्रयोग किया गया था। इसमें चुनाव जीतने वाले 93 प्रतिशत उम्मीदवार नेता एप की श्रेष्ठ रेटिंग में शामिल थे।

इसके साथ ही मित्तल ने बताया कि पिछले आठ महीनों में 543 संसदीय क्षेत्र और 4120 विधानसभा क्षेत्रों में अब तक लगभग 1.5 करोड़ लोगों ने नेता एप का इस्तेमाल शुरु कर दिया है। उन्होंने अगले साल आम चुनाव से पहले यह संख्या दस करोड़ तक पहुंचने की उम्मीद जतायी।

इस अवसर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त एस वाई कुरैशी ने नेता एप को लोकतांत्रिक व्यवस्था में फीडबैक का बेहतर माध्यम बताते हुये कहा कि यह भारत में राजनीतिक प्रक्रिया और लोकतांत्रिक व्यवस्था में बड़े बदलाव का कारक बनेगा।

वहीं इस बाबत जानकारों का कहना है कि दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र में एक ऐसा प्लेटफ़ॉर्म होना बहुत जरूरी है, जहां मतदाता अपने राजनेताओं को रेटिंग दे सके।2019 के चुनाव से पहले दस करोड़ से ज्यादा वोटर इस एप के साथ जुड़ जाएंगे। यह एप सभी तरह के मोबाइल सिस्टम पर उपलब्ध है। खास बात है कि नेता एप 16 भाषाओं में काम करता है।

इस ऐप में आशावादी एवं आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं की मदद से राजनीति के आँकड़े एकत्रित किए हैं। इसके अलावा एप, आईवीकार कॉल और एसएमएस के जरिए भी डाटा जुटाया गया है।यह एप राजनीतिक जवाबदेही को तय करता है।नागरिकों को राजनीति के बारे में अपनी राय देने में सक्षम बनाता है।

हालांकि इस बाबत मित्तल का कहना है कि यह एप आम जनता को अपने सांसद और विधायक को रेटिंग देने का अवसर प्रदान करता है।इसके माध्यम से देश के किसी भी निर्चाचन क्षेत्र में वहां के मतदाताओं की संवेदनाओं को आंका जा सकता है।

इस एप के जरिए राजनीतिक दल भी अपने जनप्रतिनिधियों को लेकर अपनी राय बदल सकते हैं।वे एप पर नेताओं के बारे में जनता से आने वाले फ़ीडबैक के आधार पर चुनाव में टिकटों का वितरण कर सकते हैं।एप पर जिस नेता की परफ़ोरमेंस सबसे अच्छी है, राजनीतिक दल टिकट वितरण के दौरान उसे प्राथमिकता देंगे, यह सम्भावना बनी रहती है।

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