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देश की कई नामचीन कंपनियों ने उफ! ये क्या किया कि होने को हैं पूरी तरह से दिवालिया

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नई दिल्ली। जहां एक तरफ वैसे ही देश के बैंकों की घोटालों के चलते कमर टूटी हुई है वहीं अब देश की तकरीबन 70 बड़ी और नामी कंपनियों के दिवालिया होने की कगार पर पहुंचने से बैंको के लिए एक नई मुसीबत सामने खड़ी है। जिससे पार पाने के लिए बैंक बेहद ही गंभीरता के साथ जुटे हुए हैं।

गौरतलब है कि  देश की 70 नामचीन कंपनियों पर दिवालिया होने का खतरा मंडरा रहा है। इन कंपनियों पर बैंकों का 3.8 लाख करोड़ रुपये का कर्ज है। इनमें 34 कंपनियां केवल बिजली क्षेत्र की हैं जिन पर दो लाख करोड़ रुपये के कर्ज का बोझ है। इन कंपनियों को आरबीआई ने कर्ज समाधान योजना के लिए 27 अगस्त की समय सीमा दी है। अगर ये कंपनिया तय वक्त तक अपना समाधान योजना पेश नहीं करती है तो इन कंपनियों को दिवालिया करार देने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी।

जानकारी के मुताबिक वैसे विगत 12 फरवरी को जारी किए सर्कुलर में बैंकों को 180 दिनों का समय दिया गया था। नया नियम 1 मार्च से लागू हुआ और 180 दिनों का समय 27 अगस्त को पूरा हो जाएगा। इसके बाद बैंकों को इनके खिलाफ दिवालिया कार्रवाई शुरू करनी पड़ेगी। रिजर्व बैंक ने पिछले साल दिवालिया कार्रवाई के लिए बैंकों को 40 कंपनियों की सूची भेजी थी। इन पर करीब चार लाख करोड़ का कर्ज बकाया था।

हालांकि वहीं इस बाबत फिलहाल सार्वजनिक बैंकों के अधिकारियों का कहना है कि खातों की पहचान कर ली गई है। इनमें से अधिकांश खाते गैर निष्पादित परिसंपत्तियां (एनपीए) बन चुके हैं और बैंक को उनके लिए प्रावधान करना पड़ रहा है। जो मामले एनसीएलटी में हैं उनके लिए बैंकों को आगे चलकर ज्यादा प्रावधान करना पड़ सकता है। कुछ खातों के लिए बैंक आरबीआई की समय सीमा समाप्त होने से पहले समाधान योजना तैयार करने के लिए दिन रात जुटे हैं ताकि उन्हें एनसीएलटी में जाने से बचाया जा सके।

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