चेन्नई! तमिलनाडु के पूर्व अध्यक्ष एम करुणानिधि के निधन के बाद उनके उत्तारिधारी को लेकर जंग तेज हो गई है. करुणानिधि के छोटे बेटे और डीएमके के कार्यकारी अध्यक्ष एमके स्टालिन ने रविवार को पार्टी अध्यक्ष के पद के लिए अपना नामांकन दाखिल किया है.
उनके पिता करुणानिधि के निधन के बाद डीएमके का अध्यक्ष पद खाली हुआ था. हालांकि, वे पिता के बीमार होने के बाद से ही डीएमके के कार्यकारी अध्यक्ष के रूप में काम कर रहे थे.
बताते चलें कि करुणानिधि ने काफी पहले ही अपने छोटे बेटे एमके स्टालिन को अपना राजनीतिक उत्तराधिकारी घोषित कर उन्हें डीएमके का कार्यकारी अध्यक्ष बनाया था. वहीं संप्रग सरकार में केंद्रीय मंत्री बने रहने के बाद 2014 में अलागिरी को पार्टी से बर्खास्त कर दिया गया था.
लेकिन, अब अलागिरी के बगावती तेवर के बाद स्टालिन के लिए मुश्किलें खड़ी हो सकती हैं. बर्खास्त होने से पहले दोनों भाइयों के बीच उत्तराधिकार को लेकर संघर्ष चरम पर रहा.
इसके अलावा वरिष्ठ नेता दुरई मुरुगन ने पार्टी कोषाध्यक्ष पद के लिए नामांकन भरा. बता दें कि डीएमके के 65 जिला सचिवों ने अध्यक्ष पद के लिए स्टालिन के नाम का प्रस्ताव किया है. बताया जा रहा है कि मंगलवार को पार्टी ने कए अध्यक्ष और कोषाध्यक्ष के नामों की घोषणा होगी.
गौरतलब है कि करुणानिधि का 7 अगस्त को निधन हो गया था. तमिलनाडु की राजनीति के सबसे करिश्माई नेताओं में गिने जाने वाले करुणानिधि पांच बार मुख्यमंत्री रहे. उनके परिवार में उनकी दो पत्नियां और छह बच्चे हैं. द्रमुक के कार्यकारी अध्यक्ष एमके स्टालिन उनके बेटे हैं. उनकी बेटी कनीमोझी राज्यसभा सदस्य हैं.