लखनऊ। मौजूदा वक्त में बदलता मौसम वैसे भी बीमारियों के फैलने का होता है वहीं जनपद बहराइच में पिछले तकरीबन एक माह से अधिक समय से जारी बुखार के चलते अब तक दर्जनों मौतें हो चुकी हैं जबकि दर्जनों की संख्या में मरीज जिला अस्पताल में भर्ती हैं। नौबत ये है कि एक एक बेड पर दो दो मरीजों को एडजस्ट होना पड़ रहा है। वहीं बावजूद इसके मरीजों का आना लगातार जारी है।
गौरतलब है कि बीते जुलाई माह से ही जनपद बहराइच और आसपास के जनपदों में संक्रामक रोगियों की संख्या में इजाफा होने लगा है। अलग-अलग तरह के बुखार से दो माह में अब तक 128 लोगों की मौत हो चुकी है। इनमें दो सगे भाई भी शामिल हैं, जिन्होंने डायरिया व बुखार की चपेट में आकर आठ घंटे के अंतराल में दम तोड़ दिया था।
जानकारी के मुताबिक अस्पताल में बहराइच ही नहीं श्रावस्ती गोंडा, बलरामपुर और नेपाल के मरीज भी आते हैं जिसके चलते मरीजों की संख्या में तेजी से वृद्धि हुई है। बीते 24 घंटे के दौरान 5 बच्चों की मौत हो चुकी है। दो बच्चों की दिमागी बुखार से और एक बच्चे की निमोनिया से मौत हुई है। वहीं बीते 24 घंटों के दौरान 86 मरीज भर्ती किए गए हैं जबकि जिला अस्पताल के चिल्ड्रन वार्ड में मात्र 40 बेड ही उपलब्ध है।
वहीं जबकि ऐसे में अस्पताल प्रशासन रोगियों को देर से अस्पताल व स्वास्थ्य केंद्र लाने का ठीकरा अभिभावकों पर फोड़ रहा है लेकिन हकीकत कुछ और है। बहराइच जिला अस्पताल में न तो संसाधन है न ही सुविधा है, जबकि ये देवीपाटन मंडल का मॉडल अस्पताल है। हालत ये है कि यहां पीआईसीयू में एक बेड पर दो-दो मरीज भर्ती हैं।
हालांकि इस बाबत मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. एके पांडेय का कहना है कि इस समय बीमारियों का मौसम चल रहा है। ऐसे में मरीजों की संख्या बढ़ी है। जिला अस्पताल में संसाधनों की कमी के मामले की जांच की गई थी। स्वास्थ्य केंद्रों व जिला अस्पताल में समुचित दवाइयां उपलब्ध हैं। रोगी समय से पहुंच जाए तो उसकी जान बचायी जा सकती है लेकिन लोग नीम हकीम के चक्कर में पड़ रहे हैं। मौतों के मामले में सूचना मिली है। जांच करवा रहे हैं। कार्रवाई करेंगे।