नई दिल्ली। नापाक पाक द्वारा लगातार जारी कायराना और घिनौनी हरकतों से बेहद खफा भारतीय सेना प्रमुख ने दो टूक शब्दों में कहा कि आतंकवाद और शांतिवार्ता एक साथ नहीं हो सकती। बता दें कि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा था कि वह दोनों देशों के संबंध बेहतर बनाना चाहते हैं। भारत सरकार ने इसे मानते हुए न्यूयॉर्क में होने वाली संयुक्त राष्ट्र महासभा के दौरान विदेश मंत्री सुषमा स्वराज और उनके पाक समकक्ष शाम महमूद कुरैशी के बीच बैठक को लेकर अनुमति दी थी।
गौरतलब है कि वहीं जम्मू कश्मीर में तीन पुलिसकर्मियों की हत्या और पाकिस्तान द्वारा कश्मीरी आतंकवादी बुरहान वानी का महिमामंडन करने वाली डाक टिकटों को जारी करने का हवाला देते हुए भारत सरकार ने इस बैठक को रद्द कर दिया था। इससे बौखलाए पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने भारत सरकार पर कई सवाल उठाए थे।
इसी क्रम में आज भारतीय सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत ने कहा कि दोनों देशों के मध्य वार्ता इसलिए नहीं हो रही है क्योंकि हमारी सरकार की यह नीति है कि आतंकवाद के साथ शांति की बातें नहीं की जा सकतीं। हमने इसे लेकर पाकिस्तान को स्पष्ट संदेश दे दिया है। सरकार की नीति साफ है कि पहले पाकिस्तान को यह सिद्ध करना होगा कि वह आतंकी गतिविधियों को बढ़ावा नहीं दे रहे हैं।
इतना ही नही बल्कि रावत ने कहा कि पाकिस्तान हमेशा यह कहता है कि वह अपनी जमीन पर किसी भी देश के खिलाफ आतंकी गतिविधियों को प्रोत्साहन नहीं देता है। लेकिन, साफ दिख रहा है कि वहां आतंकी गतिविधियां भी हो रही हैं और बॉर्डर पार से आतंकी भी आ रहे हैं।
साथ ही सरकार द्वारा वार्ता रद्द किए जाने के सवाल पर रावत ने कहा कि ऐसी परिस्थितियों में बातचीत करना या न करना सरकार का निर्णय है। उन्होंने कहा कि मुझे सरकार का यह निर्णय सही लगा क्योंकि आंतकवाद के साथ शांतिवार्ता का कोई परिणाम नहीं निकलेगा।
जम्मू में अंतरराष्ट्रीय बॉर्डर के पास पाक सैनिकों द्वारा बीएसएफ सैनिक नरेंद्र सिंह का गला काटने की घटना को लेकर उन्होंने कहा कि वह (पाकिस्तानी सेना) मानवीय कृत्यों को अंजाम देते रहे हैं और पाकिस्तानी सेना इसकी आदी हो गई है।
इसके अलावा रावत ने कहा कि पाकिस्तान चाहता है कि इस तरह की घटनाएं कश्मीर में होती रहें। वो चाहते हैं कि क्षेत्र में शांति कायम न होने पाए। वो कश्मीर के युवा को कट्टरपंथी बनाना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान ने भारत का खून बहाने का निर्णय कर लिया है।