Sunday , April 21 2024
Breaking News

राहुल गांधी ने अब देश के चौकीदार को बताया ‘कमांडर इन थीफ’, वीडियो भी किया शेयर

Share this

नई दिल्ली। रॉफेल डील मामले को लेकर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी खासकर प्रधानमंत्री मोदी पर बखूबी हमलावर हो चले हैं एक तरह से काफी हद तक वो इस मुद्दे को लेकर भाजपा और सरकार पर हावी भी हो चुके हैं। क्योंकि राहुल के आरोपों और हमले का जवाब देने के लिए सरकार की कवायद और टीम अब परेशान सी होती नजर आ रही है। इसी क्रम में कांग्रेस अध्यक्ष ने अब एक और नया खुलासा करते हुए बिना नाम लिए कहा कि ये ‘कमांडर इन थीफ’ के बारे में दुखद सच है। यानि चोरों का कमांडर करार दिया है।

गौरतलब है कि राहुल गांधी ने आज अपने आधिकारिक ट्विटर अकाउंट से एक वीडियो ट्वीट किया है। जिसमें रॉफेल डील के बारे में बताया जा रहा है। वीडियो में दिख रहे शख्स का कहना है कि फ्रांस के पूर्व राष्ट्रपति फ्रांक्वा ओलांद का कहना था कि इस डील के लिए भारत सरकार ने अंबानी की कंपनी रिलायंस का नाम सुझाया था और उनके पास कोई विकल्प नहीं था।

इतना ही नही वीडियो में नजर आ रहे शख्स ने कहा, ‘ओलांद ने बताया कि हमारे पास इस मामले पर कहने के लिए कुछ नहीं था। भारत सरकार ने इस सेवा प्रदाता का नाम सुझाया था। इसके बाद दसॉल्ट ने अंबानी से बातचीत की। हमने उस वार्ताकार को चुना जिसका नाम हमें भारत सरकार ने सुझाया था।’ वीडियो में पत्रकार फ्रांसीसी ‘मीडियापार्ट’ वेबसाइट की रिपोर्ट का हवाला दे रहा है जिसमें ओलांद के हवाले से बयान जारी किया गया था।

वहीं वीडियो को सोशल मीडिया पर साझा करते हुए कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, ‘यह कमांडर इन थीफ के बारे में दुखद सच है।’ वहीं नरेन्द्र मोदी सरकार ने ओलांद के कथित बयान को खारिज करते हुए कहा है कि दसॉल्ट ने रिलायंस डिफेंस का चयन खुद किया और इसमें सरकार की कोई भूमिका नहीं है।

दरअसल, राहुल और कांग्रेस पिछले कई महीनों से आरोप लगाते आ रहे हैं कि मोदी सरकार ने फ्रांस की कंपनी दसॉल्ट से 36 राफेल लड़ाकू विमान की खरीद का जो सौदा किया है, उसका मूल्य पूर्ववर्ती यूपीए सरकार में विमानों की दर को लेकर बनी सहमति की तुलना में बहुत अधिक है। इससे सरकारी खजाने को हजारों करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है।

इसके साथ ही पार्टी ने यह भी दावा किया है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सौदे को बदलवाया और एचएएल से ठेका लेकर रिलायंस डिफेंस को दिया। रविवार को इस मामले पर वित्त मंत्री अरुण जेटली खुलकर सामने आए थे। उन्होंने कहा था कि सरकार कैग के सामने सारे तथ्य रखेगी। जिससे पता चल जाएगा कि एनडीए सरकार का सौदा अच्छा है या यूपीए का समझौता। उन्होंने यह भी कहा था कि कैग इसकी जांच करेगा लेकिन यह सौदा रद्द नहीं होगा।

Share this
Translate »