नई दिल्ली। देश की राजधानी दिल्ली सहित कई राज्यों में मानसून फिर से सक्रिय हो जाने के चलते मौसम विभाग ने बारिश को लेकर अलर्ट और अपडेट रहने की हिदायत दी है। दिल्ली के साथ-साथ हरियाणा, पंजाब, चंडीगढ़, जम्मू कश्मीर और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में भी ऑरेंज अलर्ट जारी किया है वहीं दो दिन से हो रही बारिश ने पहाड़ी राज्यों को काफी नुकसान पहुंचाया है। हिमाचल के कुल्लू में तीन जगह बादल फटने और दो दिन से हो रही भारी बारिश के चलते आधे हिमाचल में बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं। कई इलाके जलमग्न हो गए हैं।
गौरतलब है कि कुल्लू में तीन जगह और पालमपुर के बंदला में बादल फटने और दो दिन से भारी बारिश के चलते आधे हिमाचल में बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं। कई इलाके जलमग्न हो गए हैं। कई जगह तीन फीट तक पानी भर गया है। कुल्लू, चंबा और मंडी जिले में खतरनाक हालात हैं। कुल्लू जिला प्रशासन के अनुसार फोजल, धुंधी और लगवैली में बादल फटने से ब्यास का जलस्तर बहुत ज्यादा बढ़ गया।
इससे कुल्लू में दो ट्रक बह गए हैं। ओट के पास दवाड़ा में नेशनल हाईवे पर दिन को और फिर शाम को पानी आने से यातायात बाधित रहा। वहीं पानी खतरे के निशान के ऊपर होने पर मंडी के पंडोह, लारजी, कांगड़ा के सानन और चंबा के चमेरा डैम के गेट खोलने पड़े। इससे भी ब्यास और रावी नदी में बाढ़ आ गई, जिससे निचले रिहायशी इलाकों में पानी भर गया। जिला प्रशासन ने हाई अलर्ट घोषित कर नौ जिलों कुल्लू, मंडी, चंबा, सिरमौर, कांगड़ा, हमीरपुर, लाहौल, बिलासपुर और किन्नौर के स्कूलों में सोमवार की छुट्टी घोषित कर दी है।
बादल फटने से रविवार को कुल्लू जिले के कई इलाकों में जल प्रलय जैसे हालात बन गए। प्रशासन ने एनडीआरएफ को मदद के लिए बुला लिया। मनाली के डोभी में 19 लोग घरों में फंस गए। नाले का पानी दोनों ओर से आ गया। सेना के हेलीकॉप्टर ने कड़ी मशक्कत से लोगों को निकाला। मनाली में एक वोल्वो और ट्रक बह गए। मनाली से मंडी तक ब्यास किनारे बाढ़ जैसे हालात हैं। कुल्लू में ब्यास किनारे यूनियन के खड़े कई ट्रक पानी में डूब गए।
पतलीकूहल में बाजार और घरों में तीन फीट तक पानी भर गया। चंबा में रावी नदी के बढ़ते जल स्तर को देखते हुए दुर्गेठी, राख, धरवाला, परेल, शीतला ब्रिज, बालू, तड़ोली में मकानों को खाली करवाया गया। जवाहर नवोदय विद्यालय सरोल में रह रहे विद्यार्थियों को दूसरे संस्थानों में शिफ्ट किया गया। तीन पुल बह गए, दो में दरारें आ गईं।
कांगड़ा से लौट रहे भेड़पालकों के 300 मवेशी बाढ़ में बह गए। ब्यास किनारे मंडी के कई इलाकों में पानी भर गया है। लोग सुरक्षित स्थानों की ओर चले गए हैं। लारजी और शानन परियोजना में बिजली उत्पादन पानी में सिल्ट बढ़ने के कारण बंद हो गया है। किन्नौर की सांगला का देश-दुनिया से संपर्क कट गया है।
कुल्लू-मनाली-रोहतांग-लेह, हिंदुस्तान-तिब्बत मार्ग, शिमला-रोहड़ू, नाहन-शिमला, चंडीगढ़-मनाली नेशनल हाईवे स्वारघाट के समीप और चंबा-पठानकोट एनएच तीन जगहों और पठानकोट-मंडी एनएच पर भूस्खलन के चलते यातायात के लिए अवरुद्ध पड़ गया। इसके अलावा प्रदेश भर में करीब 300 छोटी-बड़ी सड़कें बंद हैं। पूरे चंबा जिले में एचआरटीसी की बस सेवा ठप है।
जबकि वहीं मौसम विभाग ने अगले 24 घंटे में उत्तराखण्ड के छह जिलों में भारी बारिश की चेतावनी दी है। इसके साथ ही सभी विभागों को सतर्क रहने और लोगों से सुरक्षित जगह पर रहने की अपील की गई है। वही तीन दिन से राजधानी देहरादून में भी बारिश रुकने का नाम नहीं ले रही है।
शनिवार से रुक-रुक कर हो रही बारिश सोमवार की सुबह भी जारी रही। लगातार हो रही बारिश से दूनवासी दहशत में आ गए हैं। वहीं चारधाम और पिथौरागढ़ की ऊंची पहाड़ियों में हुए हिमपात से तापमान में काफी गिरावट आ गई है। बदरीनाथ व हेमकुंड साहिब, नीलकंठ, नर-नारायण पर्वत, जोशीमठ, फूलों की घाटी, केदारनाथ, गंगोत्री व यमुनोत्री धाम की ऊंची चोटियों ने बर्फ की चादर ओढ़ ली है।
यमुनोत्रीधाम सहित पूरी यमुनाघाटी में भी बारिश थमने का नाम नही ले रही हैं। लगातार हो रही बारिश के कारण हाईवे डबरकोट में अवरूद्व हो गया है। दोनों ओर सैकड़ों यात्री फंसे हुए हैं। बारिश होने के कारण पहाड़ी से लगातार पत्थर और मलबा मार्ग पर आ रहा है। जिस कारण हाईवे खोलने के प्रयास शुरू नहीं हो पा रहे हैं। पिछले तीन दिनों से हो रही झमाझम बारिश ने यहां ठंडक ला दी है। गंगोत्री हाईवे भी बढ़ेती चुंगी में बंद पड़ा हुआ है। यात्रियों को मनेरा बाईपास से भेजा जा रहा है।