डेस्क। अभी तो 2019 लोकसभा चुनाव की बिसात बिछना शुरू भी नही हुई है कि देश में सत्तारूढ़ दल भाजपा में असंतोष का स्वर उभरने लगा है। अभी दो दिन पहले ही राजस्थान में भाजपा के बड़े नेता एवं पूर्व केन्द्रीय मंत्री जसवंत सिंह के पुत्र तथा विधायक मानवेन्द्र सिंह द्वारा इस्तीफा दिया गया था। और अब मध्यप्रदेश में विजयराघवगढ़ से भाजपा की कद्दावर नेता पद्मा शुक्ला ने पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है। वह भाजपा की वरिष्ठ नेता और मध्य प्रदेश समाज कल्याण बोर्ड की अध्यक्ष थीं। जिसे कि राज्यमंत्री का दर्जा प्राप्त होता है।
गौरतलब है कि मध्यप्रदेश में 15 सालों से सत्ता पर काबिज भाजपा को चुनाव से पहले करारा झटका लगा है। विजयराघवगढ़ से भाजपा की कद्दावर नेता पद्मा शुक्ला ने पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है। शुक्ला 2013 के चुनाव में विजयराघवगढ़ विधानसभा से भाजपा की उम्मीदवार थीं। माना जा रहा है कि उन्होंने कटनी में संजय पाठक के विरोध की वजह से इस्तीफा दिया है। उनके इस्तीफे से भाजपा में हड़कंप मच गया है।
ज्ञात हो कि संजय पाठक 2008 और 2013 विधानसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस के उम्मीदवार थे। 2013 चुनाव में मिली जीत के बाद उन्होंने भाजपा का दामन थाम लिया था। वर्तमान में वह सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय के राज्य मंत्री हैं। पद्मा शुक्ला ने ऐसे समय पर इस्तीफा दिया है जब प्रधानमंत्री मोदी मध्यप्रदेश के दौरे पर जाने वाले हैं। वहीं इस मामले पर पार्टी के बड़े नेताओं ने चुप्पी साध ली है।
इतना ही नही अभी एक दिन पहले ही राजस्थान में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले पूर्व केंद्रीय मंत्री जसवंत सिंह के बेटे और भाजपा विधायक मानवेंद्र सिंह ने शनिवार को पार्टी से इस्तीफा दे दिया। बाड़मेर के शिव विधानसभा क्षेत्र से विधायक मानवेंद्र ने कमल का फूल, बड़ी भूल कहते हुए भाजपा में शामिल होने को बड़ी भूल बताया।
मानवेंद्र और भाजपा के रिश्ते चार साल से तल्ख बने हुए थे। भाजपा ने 2014 लोकसभा चुनाव में उनके पिता जसवंत सिंह को बाड़मेर से टिकट देने से मना कर दिया था। इसके बाद से उनके परिवार और भाजपा के रिश्ते खराब होने लगे थे। हालांकि कांग्रेस में शामिल होने के सवाल पर उन्होंने कहा कि इस संबंध में अभी कोई फैसला नहीं लिया है।