लखनऊ। उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू द्वारा उत्तर प्रदेश स्थापना दिवस के उद्घाटन अवसर पर प्रदेश की कानून व्यवस्था पर जो टिप्पणी की गई उसके निहितार्थ को समझना आवश्यक है। उन्होंने जिस प्रकार से देश के लिए उत्तर प्रदेश की अहमियत को बताते हुए यहां की कानून व्यवस्था बिगड़ने का जिम्मेदार काफी हद तक घरों में रखे हथियारों को ठहराया वह वाकई में काबिल-ए-गौर बात है। इससे यह बात साफ है कि प्रदेश की बिगड़ती कानून व्यवस्था पर केन्द्र की पूरी नजर है।
उन्होंने कहा कि पूरी दुनिया अब भी भारत की तरफ देख रही है। इतना पुराना देश होने के बावजूद भारत ने कभी किसी पर हमला नहीं किया, क्योंकि हम ‘वसुधैव कुटुंबकम’ में विश्वास रखते हैं। भारत में रहने वाले सभी लोग भाई हैं, चाहे उनका धर्म और पूजा पद्धति कुछ भी हो। जाति मजहब के आधार पर किसी पर हमला करना सही नहीं है। नायडू ने कहा कि महात्मा गांधी ने रामराज्य की परिकल्पना की थी। जहां ना भय, ना भ्रष्टाचार और ना ही भेदभाव हो, वहीं रामराज्य है।
उन्होंने कहा कि देश को तेजी से आगे बढ़ाने के लिए हमारे पास स्थिर सरकार और अच्छा माहौल है। हम सबको मिलकर काम करना चाहिए। उपराष्ट्रपति ने उत्तर प्रदेश का जिक्र करते हुए कहा कि जब तक यह सूबा आगे नहीं बढ़ेगा, तब तक देश भी प्रगति नहीं करेगा। देश के सामने जो चुनौतियां हैं, उनमें से कई तो उत्तर प्रदेश से जुड़ी हैं। जहां बिहार जैसे बीमारू राज्य आगे बढ़ रहे हैं, वैसे ही हम चाहते हैं कि उत्तर प्रदेश भी आगे बढ़े।
नायडू ने उत्तर प्रदेश सरकार की ‘वन डिस्ट्रिक्ट, वन प्रोडक्ट‘ योजना का जिक्र करते हुए कहा कि राज्य सरकार ने इसके जरिए रोजगार की संभावना पैदा की है। यह योजना देश की सर्वश्रेष्ठ योजनाओं में से है। उन्होंने ‘उत्तर प्रदेश दिवस‘ पर सभी को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि वह चाहते हैं कि आने वाले दिनों में उत्तर प्रदेश और तेजी से आगे बढ़े।