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पति की मौत के बाद मजबूरन बनी वो कंडक्टर, उसके हौसले को देख लोगों को गर्व है उस पर

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डेस्क। जिन्दगी में किस पल क्या हो ये कोई भी जान नही पाता है। क्योंकि बुरा वक्त कभी बता के तो नही आता है।। ऐस ही कुछ उत्तराखण्ड की एक महिला के साथ हुआ। बीमारी के चलते अचानक पति की मौत होना और तीन बच्चों समेत घर चलाने की जिम्मेदारी का आ जाना। वो भी ऐसी महिला के सामने जिसने पहले न कभी नौकरी और ऐसे हालातों के बारे में सोचा ही नही था। किसी वज्रपात से कम नही था।

गौरतलब है कि कहा जाता है कि वक्त ही जख्म देता है और वक्त ही मरहम देता है। ऐसा ही कुछ इस महिला के साथ भी हुआ और वक्त के दिए मरहम ने उसके जख्म को कम कर दिया। आज वो बखूबी पति की जगह बस कंडक्टर की नौकरी के साथ साथ अपने बच्चों की जिम्मेदारी निभा रही है। लोग उसपर गर्व कर रहे हैं।

दरअसल पति चाहते थे कि माया उनके तीन बच्चों की बस अच्छे से देखभाल कर घर का काम-काज करे। लेकिन इसे किस्मत का खेल ही कहेंगे कि चार साल पहले पति पंकज शर्मा का बीमारी के चलते निधन हो गया। वह परिवहन निगम में कंडक्टर का काम करते थे। उनके गुजर जाने के बाद माया पर तीनों बच्चों की जिम्मेदारी आ गई। सास-ससुर का पहले ही देहांत हो चुका था। उन्हें पति की जगह नौकरी मिल गई और घर की जिम्मेदारी संभालने के लिए वह कंडक्टर की नौकरी करने लगीं।

वहीं इस बाबत 42 वर्षीय माजरा निवासी माया शर्मा बतातीं हैं कि शुरुआत में काफी परेशानी हुई, लेकिन बच्चों के लिए आगे बढ़ना पड़ा। माया दून से मसूरी, टिहरी और पौड़ी रूट पर सवारियों को ले जाती हैं। विनम्र स्वभाव की माया से रोजाना इन रूटों पर सफर करने वाली सवारियां भी घुल-मिल गई हैं। महिला सवारियां भी उन्हें देखकर सुरक्षित महसूस करती हैं।

इतना ही नही बल्कि माया कहती हैं कि उन्हें अपना काम बेहद पसंद हैं और वह इसे खुशी-खुशी करतीं हैं। अब बस, सवारियां और पहाड़ी सफर ही उनकी जिंदगी है। उनका 22 वर्षीय बड़ा बेटा सीएमए, 18 वर्षीय बेटी बीबीए और 16 वर्षीय बेटी 11वीं की पढ़ाई कर रही हैं।उनका सपना है कि सभी बच्चे पढ़ लिखकर अच्छी नौकरी पर लग जाएं। बच्चों को भी अपनी मां के मजबूत इरादे और हौसलों पर गुरूर है। उनके लिए मां उनकी पूरी दुनिया है, जिसने पिता के जाने के बाद उन्हें किसी चीज की कमी महसूस नहीं होने दी।

माया कहती हैं कि आज हर क्षेत्र में महिलाएं अपनी प्रतिभा का लोहा मनवा रही हैं। महिलाओं के लिए आमतौर पर यह नौकरी अच्छी नहीं मानी जाती, लेकिन आज महिलाएं हर क्षेत्र में अपनी उपस्थिति दर्ज करा रही हैं। दुनिया का कोई भी काम कठिन नहीं है। अपनी हिम्मत और मेहनत के बल पर वह असंभव काम भी कर सकती हैं। उन्होंने बताया कि उनके स्टाफ के सभी लोग उनका पूरा सहयोग करते हैं। उन्हें किसी तरह की परेशानी महसूस नहीं होती।

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