नई दिल्ली। जिन्दगी में सब कुछ वक्त की बलिहारी है। और वक्त हर किसी पर भारी है।। जिसकी बानगी है कि केन्द्रीय मंत्री एम जे अकबर कल तलक एक अजब अहमियत रखते थे। आज उनके खिलाफ हर कोई आवाज उठाने लगा है। जहां वैसे ही उनके खिलाफ तकरीबन डेढ़ दर्जन महिलाओं ने लामबंदी कर ली है वहीं ऐसे में उनके ही सहयोगी और भाजपा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने भी अब एक नया शिगूफा छोड़ दिया है।
गौरतलब है कि #MeToo कैंपेन के तहत यौन शोषण के आरोपों में फंसे विदेश राज्य मंत्री एमजे अकबर के मामले में बीजेपी के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सांसद सुब्रमन्यम स्वामी ने अकबर पर तंज कसा है। स्वामी ने कहा कि एक व्यक्ति के रूप में कह सकता हूं कि मैं कभी मेरे खिलाफ दायर मानहानि के मुकदमें नहीं हारा। असल मायमों में जब शिकायत क्रॉस एक्जामिन होना शुरू होता है। वही असली मानहानि होता है। उन्होंने कहा, सार्वजनिक पदों पर रहने वालों को मानहानि का केस नहीं करना चाहिए। जब तक मानहानि अपमानजनक रूप से और व्यापक रूप से झूठा नहीं माना जाता है।
ज्ञात हो कि पिछले दिनों स्वामी ने भी अकबर पर लगे आरोपों को लेकर बयान दिया था। उन्होंने कहा था कि प्रधानमंत्री ने अकबर को नियुक्त किया है। उन्हें हटाने का फैसला भी वही ले सकते हैं। वह सभी मंत्रियों के प्रभारी हैं, वही सब तय करेंगे। बता दें कि #MeToo कैंपेन के तहत करीब 20 महिलाओं द्वारा यौन शोषण के आरोंपो के बाद बढ़ते दबाव के चलते अकबर को इस्तीफा देना पड़ा था। अकबर ने सबसे पहले आरोप लगाने वाली पत्रकार प्रिया रमानी के खिलाफ मानहानि का केस किया किया है। केस लड़ने के लिे उन्होंने 97 वकीलों की फौज खड़ी की है।