नई दिल्ली। AIMIM प्रमुख असदउद्दीन ओवैसी ने हाल ही में भाजपा नेता शाहनवाज खान से एक सवाल किया था जिस पर शाहनवाज ने ओवैसी को आड़े हाथों लेते हुए करारा जवाब दिया है। दरअसल बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता शहनवाज हुसैन ने कहा कि मुझे कोई भी गाली दे दो लेकिन बाबर से हमारी तुलना न करो। बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता ने यह बातें एक निजी चैनल द्वारा आयोजित कार्यक्रम में कहीं।
गौरतलब है कि हाल ही में ओवैसी ने शहनवाज हुसैन से पूछा था कि वो मुस्लिमों में अपर कास्ट से हैं, तो बताएं ये कहां के हैं। ओवैसी ने उन्हें मुगलों से जोड़ते हुए कहा था। शहनवाज ने इसका जवाब देते हुए कहा कि बाबर दूसरे देश से आया था हम उसे अपना नहीं मान सकते।
इतना ही नही बल्कि उन्होंने यहां तक कहा कि आप मुझे कोई भी गाली दो लेकिन बाबर का साथी न कहो। शहनवाज ने कहा कि अगर किसी ने लालकिला और ताजमहल बनवाया तो क्या हम उसे अपना मुल्क दे दें। इस पर उन्होंने यह भी कहा कि अंग्रेजों ने संसद बनवाई तो क्या हम अंग्रेजों को देश दे देंगे।
इसके साथ ही सवालिया लहजे में कहा कि जिसने सोमनाथ पर हमला किया क्या वो हिंदुस्तान से मोहब्बत करता था, नहीं वो लुटेरा था। ख्वाजा गरीब नवाज आए। उन्होंने मोहब्बत फैलाई जिसके कारण सारे हिंदू मुसलमान उनके दर पर सिर झुकाते हैं। शहनवाज ने कहा कि अगर मुगलों ने ताजमहल बनाने का हुक्म दे दिया तो क्या हुआ बनाया तो हिंदुओं ने ही है। तो क्या हिंदू नौकर हो गए।
वहीं बीजेपी नेता ने ओवैसी को कहा कि आपका घर अशोका रोड पर है। जिस बंगले में आप रहते हैं वह अंग्रेजों ने बनाया है। तो क्या आप अंग्रेजों के अहसान तले दब गए। इसी कार्यक्रम में ओवैसी ने कहा कि बीजेपी का कहना है कि मुसलमान बाबर की संतान है, 1200 साल मुगलों के राज को गुलामी कहते हैं।
ज्ञात हो कि हाल ही में ओवैसी ने कहा कि वह मुगलों को आक्रमणकारी नहीं समझते। जो लोग यहां पैदा हुए यहीं मरे उन्हें आक्रमणकारी नहीं कहा जा सकता। कई मुगल इसी देश में पैदा हुए। एक हिंदू मां की पेट से मुगल पैदा हुए। ये हमारे इतिहास का हिस्सा है। हिंदुस्तान के अपर कास्ट आर्यन हैं तो क्या आर्यन हिंदुस्तान के थे।
साथ ही ओवैसी ने कहा कि आपकी पार्टी ने आखिर लाल किले के बारे में क्या-क्या नहीं कहा लेकिन तिरंगा आज भी वहीं लहराया जाता है। ओवैसी ने कहा कि अगर आप मुगलों से अच्छे हो तो एक ताजमहल बनवा कर दिखा दो, पेट्रोल सस्ता कर दो। मेरा घर भले ही अंग्रेजों द्वारा बनवाया गया है लेकिन मेरे पूर्वजों ने कभी अंग्रेजों के सामने माफीनामा नहीं लिखा।