नई दिल्ली। देश के चार राज्यों के नजदीक आते चुनाव और दलों के प्रमुखों का होता ईश्वर के प्रति झुकाव। वैसे ये कोई नई बात नही है हमेशा से ही ऐसा होता रहा है लेकिन हाल के कुछ वक्त से इसका चलन कुछ ज्यादा ही हो गया है। इसी क्रम में आज कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने सोमवार को यहां प्रसिद्ध महाकालेश्वर मंदिर में पूजा अर्चना की और इसी के साथ ही राजनीतिक तौर पर अहम माने जाने वाले मालवा-निमाड़ क्षेत्र के अपने दो दिवसीय चुनावी दौरे की शुरुआत की।
गौरतलब है कि गांधी ने मंत्रोच्चार के बीच ऐतिहासिक महाकाल मंदिर के गर्भगृह में सफेद धोती (मंदिर में इसे शोला कहा जाता है) पहनकर ज्योतिर्लिंग की पूजा अर्चना की। गांधी लगभग आधे घंटे तक मंदिर में रहे। इस दौरान उनके साथ प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ और प्रदेश कांग्रेस चुनाव अभियान समिति के अध्यक्ष ज्योतिरादित्य सिंधिया भी मंदिर में मौजूद थे।
इस बाबत जानकारी देते हुए कांग्रेस प्रवक्ता पंकज चतुर्वेदी ने बताया कि राहुल गांधी दूसरी बार महाकालेश्वर मंदिर आए हैं। इससे पहले वह साल 2010 में यहां आए थे जबकि कांग्रेस अध्यक्ष के तौर पर वह पहली बार महाकालेश्वर मंदिर आए हैं। उन्होंने बताया कि इससे पहले उनकी दादी पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी 1979 में, उनके पिता राजीव गांधी 1987 में और उनकी मां सोनिया गांधी 2008 में इस विश्व प्रसिद्ध मंदिर में आकर भगवान महाकाल के दर्शन कर चुके हैं।
वहीं जबकि महाकाल के दर्शन के बाद राहुल गांधी ने उज्जैन में एक जनसभा की जिसमें भाजपा सरकार को निशाने पर लिया। उन्होंने मंच पर ही क्षिप्रा नदी का पानी मंगवाया और आरोप लगाया कि भाजपा सरकार ने नदी का पानी भी चुरा लिया।