नई दिल्ली। देश में एक और सियासी परिवार उस कगार पर जा रहा है जिस कगार से आज तक एक सियासी परिवार उबर नही पा रहा है। जी! बात दरअसल लालू परिवार की हो रही है। क्योंकि 2014 लोकसभा चुनाव के वक्त उत्तर प्रदेश के एक सियासी परिवार में जिस तरह से कलह के बीज पड़ गए थे। ठीक उसी तरह अब 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले बिहार के कद्दावर सियासी परिवार में आपसी कलह असर दिखाने लगी है। घर की बात खुलकर बाहर तक आने लगी है।
गौरतलब है कि बिहार के पूर्व स्वास्थ्य मंत्री और राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के बेटे तेजप्रताप यादव ने अपनी पत्नी ऐश्वर्या राय से तलाक की अर्जी की बात कबूल कर ली है। उन्होंने कहा कि यह सच है कि हमने कोर्ट में अर्जी दी है। गया में पत्रकारों से बातचीत के दौरान तेजप्रताप ने कहा कि घुट-घुट के जीने से तो कोई फायदा है नहीं। इससे अच्छा है कि दोनों का रास्ता अलग हो जाए। उन्होंने कहा कि अब हम न्याय की लड़ाई लड़ेंगे।
उन्होंने आगे कहा कि ऐश्वर्या हाई सोसाइटी की हैं, हमारा उनका मेल नहीं खाता। कमान से तीर निकल चुका है तो अंजाम तक पहुंचेगा। उन्होंने आज इस बात से भी पर्दा हटा दिया कि वो ऐश्वर्या को पहले से जानते थे। तेजप्रताप ने कहा कि ये झूठ बात है कि मैं ऐश्वर्या को बचपन से जानता हूं। उन्होंने लालू यादव और राबड़ी देवी पर ऐश्वर्या से शादी कराने का ठीकरा फोड़ते हुए कहा कि मम्मी-पापा ने हमको मोहरा बनाया है। उन्होंने मेरी बात नहीं सुनी।
जानकारों की मानें तो एक तरह से उत्तर प्रदेश के मुलायम परिवार की ही तरह अब लालू परिवार में कलह की दीमक अपना असर दिखाने लगी है। क्योंकि वैसे भी पहले ही तेजस्वी और तेज प्रताप के बीच जारी खींचतान पर उनकी बहन एक कार्यक्रम में मुहर लगा चुकी हैं। जिसकी बानगी है कि तेज प्रताप के तलाक संबंधी मामले पर पूछे जाने पर तेजस्वी ने बेहद गुस्से में कहा कि उनको परिवार नही गरीबों की चिंता है। साथ ही वो बोले कि परिवार के मामलों को सम्हालने के लिए परिवार के लोग हैं।
वहीं पूर्व में अपने बगावती तेवर दिखा चुके तेज प्रताप ने अपनी शादी के मामले में ठीकरा राबड़ी देवी और लालू यादव पर फोड़ एक बार फिर साफ जाहिर कर दिया कि कहीं न कहीं अंदर ही अंदर कलह की दीमक घर कर चुकी है। वहीं जानकारों का मानना है कि इस लोकसभा चुनाव आने तक नौबत उत्तर प्रदेश के मुलायम परिवार जैसी हो जाये तो इसमें कोई हैरत की बात न होगी। क्योंकि मौजूदा हालात काफी हद तक इस ओर साफ इशारा कर रहे हैं।