Tuesday , April 23 2024
Breaking News

सबरीमला के कल खुल रहे कपाट,युवा महिला पत्रकार को कवरेज पर ना आने की हिदायत

Share this

कोट्टायम! केरल में प्रसिद्ध सबरीमला मंदिर में माहवारी आयु वर्ग की महिलाओं के प्रवेश के खिलाफ आंदोलन कर रहे कई हिंदू संगठनों ने मीडिया संगठनों से इस मुद्दे को कवर करने के लिए महिला पत्रकारों को न भेजने की अपील की है. यह अपील तब की गई है जब भगवान अयप्पा मंदिर विशेष पूजा के लिए सोमवार को खुलने वाला है. विश्व हिंदू परिषद और हिंदू ऐक्यवेदी समेत दक्षिणपंथी संगठनों के संयुक्त मंच सबरीमला कर्म समिति ने यह अपील जारी की है. संक्षिप्त रूप से मंदिर के खुलने के मद्देनजर यह अपील की गई है. मंदिर में 10 से 50 आयु वर्ग की महिलाओं के प्रवेश को मंजूरी देने के सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद दूसरी बार मंदिर खुलेगा.

समिति उच्चतम न्यायालय के आदेश के खिलाफ आंदोलन का नेतृत्व कर रही है. मंदिर के भगवान अयप्पा ब्रह्मचारी हैं. पिछले महीने जब मंदिर पांच दिनों के लिए मासिक पूजा के वास्ते खुला था तो इस अवसर की रिपोर्टिंग करने के लिए आई महिला पत्रकारों से बदसलूकी की गई थी. उनके वाहनों को निशाना बनाया गया और प्रदर्शनकारियों के कारण उन्हें वापस लौटने पर मजबूर होना पड़ा. संपादकों को लिखे पत्र में समिति ने कहा कि इस आयु वर्ग की महिलाओं के अपने काम के सिलसिले में मंदिर में प्रवेश करने से स्थिति और बिगड़ सकती है. इस पत्र की एक प्रति मीडिया को भी जारी की गई है. इसमें कहा गया कि इस मुद्दे पर श्रद्धालुओं के रुख का समर्थन या विरोध करने के आपके अधिकार को पहचानते हुए हम उम्मीद करते हैं कि आप ऐसा कोई कदम नहीं उठाएंगे जिससे स्थिति और बिगड़े.’’

रावणकोर के आखिरी राजा चिथिरा थिरुनल बलराम वर्मा के मंगलवार को जन्मदिवस के अवसर पर सोमवार शाम को पूजा के लिए मंदिर खोला जाएगा. मंदिर मंगलवार को रात दस बजे बंद किया जाएगा लेकिन वह 17 नवंबर से तीन महीने लंबी वार्षिक तीर्थयात्रा के लिए दर्शन के वास्ते फिर से खोला जाएगा. समिति ने आरोप लगाया कि सुप्रीम कोर्ट ने इस मुद्दे पर पुनर्विचार तथा रिट याचिकाओं पर 13 नवंबर को सुनवाई करने का फैसला किया है लेकिन राज्य सरकार फैसले के खिलाफ ‘जन आंदोलन’ को जानबूझकर नजरअंदाज कर रही है और पुलिस बल का इस्तेमाल कर ‘जल्दबाजी’ में इसे लागू करने की कोशिश कर रही है. समिति ने कहा कि ऐसी स्थिति में श्रद्धालुओं के पास शांतिपूर्ण प्रदर्शन जारी रखने के अलावा और कोई विकल्प नहीं है.

Share this
Translate »