लखनऊ। प्रदेश में भले ही निजाम बदल गया हो लेकिन हालात काफी हद तक वैसे ही बने हैं और सत्ता जाने के बाद भी सपा नेता और कार्यकर्ता दबंगई करने से बाज नही आ रहे हैं। वहीं हद की बात तो ये है कि अभी हाल ही में सपा से अलग होकर बनी समाजवादी सेक्यूलर मोर्चे के भी नेता तक अपनी ठसक और हनक दिखाने में पीछे नही रहे और पुलिस चौकी में घुसकर जमकर हिंसा की गई।
गौरतलब है कि प्रदेश के जनपद मऊ में जुआ खेल रहे लोगों पर कार्रवाई करने गए दारोगा ने उनकी बाइक कब्जे में ले ली। जिसके बाद बाइक को छोड़ने के लिए सपा नेता और शिवपाल की पार्टी के नेताओं ने दारोगा पर दबाव डाला। जब दारोगा अपनी बात पर अड़े रहे तो दोनों दलों के नेताओं ने चौंकी पर जमकर बवाल किया। इतना ही नहीं चौंकी में आग तक लगा दी और दारोगा के साथ मारपीट भी की।
मिली जानकारी के मुताबिक मामला दीपावली की रात का है। जनपद मऊ में मधुबन थाना क्षेत्र के दुबरी पुलिस चौकी पर तैनात दारोगा राजन मौर्या को सूचना मिली कि क्षेत्र में जुआ चलने की जानकारी मिलते ही छापा मारने के लिए तत्काल पहुंचे तो जुआ खेल रहे सभी जुआरी फरार हो गए, लेकिन इस धरपकड़ में पुलिस को एक बाइक मिल गई। जिसे पुलिस ने जब्त कर लिया।
इसी दौरान चौकी इंचार्ज को बाइक छोड़ने के लिए ओमप्रकाश गोंड उर्फ लीडर निवासी परसियाजयराम गिरी का फोन आया और धमकी देते हुए बाइक को छोड़ने के लिए कहा। जिसके बाद सपा के पूर्व प्रत्याशी राजेंद्र मिश्रा द्वारा भी फोन किया गया। साथ ही समाजवादी सेकुलर मोर्चा के जिलाध्यक्ष विजयशकर यादव का फोन आया। इन सबके बावजूद चौकी इंचार्ज ने बाइक नहीं छोड़ा।
जिसके बाद 9 नवम्बर को सपा के नेता,ओम प्रकाश गोड़ उर्फ लीडर, हरेंद्र यादव, अखिलेश सिंह उर्फ कल्लू, बबलू सिंह, दुर्गेश यादव, नेता और कार्यकर्ताओं ने पुलिस चौकी में घुसकर तोड़फोड़ की और पुलिस की रिहायशी बैरक में तेल डाल कर आग लगा दी।
हालांकि मामले की जानकारी होने पर पुलिस के आलाधिकारियों ने मामले को अपने स्तर से काफी दबाने का प्रयास किया, लेकिन दारोगा मौर्या ने अपनी बेइज्जती और विभाग का अपेक्षित सहयोग न मिलने पर मीडिया का सहारा लिया। जिसके बाद दारोगा की तहरीर पर पुलिस ने 5 ज्ञात और 5 अज्ञात के विरुद्ध मुकदमा दर्ज किया, लेकिन अभी तक किसी की भी गिरफ्तारी नहीं हुई।