डेस्क। बदलते जमाने के साथ काफी हद तक अब अपराध और अपराधी दोनों ही के तौर तरीके बदल चुके हैं। हाई टेक इस युग में अब अपराधी भी बेहद हाई टेक हो चुके हैं। वैसे साइबर क्राइम तो इसकी बानगी है ही वहीं कई बार लोगों का बाहर कहीं अपने छुट्टी मनाने की फोटो शेयर करने की जानकारी लेकर चोरों द्वारा उनका घर साफ साफ किया जाना भी हाई टेक तरीकों में से एक है।
गौरतलब है कि अब इसी क्रम में एक ऐसा हाई टेक चोर का किस्सा सामने आया है। जिसके बारे में जानकर आप हैरत में पड़ जायेंगे। दरअसल इस चोर ने उन अमीर लोगों को गूगल मैप पर ढूंढा जो कि पॉश इलाके में रह रहे थे और उनके घर लूट की। इतना ही नही बल्कि हद की बात ये है कि वो चोर फ्लाइट लेकर उस टारगेट एरिया का दौरा करता। उसके बाद उस घर में वारदात करता जहां या तो लॉक लगा हो या फिर उस घर के लोग आधे से ज्यादा समय अपने काम के कारण घर से बाहर रहते हों। हालांकि पुलिस ने लंबे सर्च ऑपरेशन के बाद आखिरकार उसे हैदराबाद में गिरफ्तार कर लिया गया।
दरअसल वो चोर बाइत्तेफाक ही पुलिस के हत्थे चढ़ा और फिर तमाम उन चोरी की घटनाओं का खुलासा हो सका जो चेन्नई पुलिस के लिए लम्बे वक्त से सिरदर्द बनी हुईं थीं। बताया जाता है कि जब चेन्नई में अपोलो अस्पताल में काम कर रहे नुंगमबक्कम के रहने वाले एक डॉक्टर के साथ लूट हुई। यह चोरी पिछले महीने हुई थी और चोर ने कोई सबूत भी पीछे नहीं छोड़ा था। पुलिस चोर की पहचान नहीं कर पा रही थी। हालांकि चेन्नई के अन्य पॉश इलाकों जैसे वल्लुवार कोट्टम में वैसी ही घटनाएं हुई थी जहां काफी प्रभावशाली लोग रहते हैं और अपराधी ने पुलिस को कंफ्यूज कर रखा था।
इसी बीच आंध्र प्रदेश के रहने वाले एक चोर साथिया रेड्डी को तेलंगाना पुलिस ने एक अन्य चोरी के मामले में गिरफ्तार किया। जांच के दौरान हैदराबाद पुलिस चौंक गई जब पता चला कि नुंगमबक्कम और वल्लुवार कोट्टम लूट के मामले में भी वह शामिल था। इस चोर से आगे पूछताछ कि तो उसके काम करने का ढंग जानकर हैरान रह गई। ये लुटेरा सबसे पहले चेन्नई में गूगल मैप्स के जरिए पॉश इलाका सर्च करता था। उसके बाद, चेन्नई की फ्लाइट लेकर उस टारगेट एरिया का दौरा करता।
उसके बाद रेड्डी अपने प्लान के मुताबिक उस घर में वारदात करता जहां या तो लॉक लगा हो या फिर घरवाले आधे से ज्यादा समय अपने काम के कारण घर से बाहर रहते हों। वह बंद खिड़कियां और दरवाजा खोलने के लिए कुछ औजारों का इस्तेमाल करता और इस बात का ख्याल रखता कि उसने मास्क और ग्लब्स पहने हों। इसकी वजह से पुलिस को कोई फिंगरप्रिंट हासिल नहीं होते और ना ही सीसीटीवी में चेहरा नजर आता। लूट का सफलतापूर्वक अंजाम देने के बाद वह लूटे हुए सामान के साथ अपने गृहनगर ट्रेन से पहुंच जाता।