लखनऊ। उत्तर प्रदेश के जनपद बुलंदशहर में कल हुई बेहद ही खौफनाक और शर्मनाक घटना में हालांकि पुलिस ने फिलहाल चार लोगों की गिरफ्तारी की है लेकिन मुख्य आरोपी योगेश राज अभी भी पुलिस की पकड़ में नही आ सका है। 7 लोग नामजद किए गए हैं। 25 जगहों पर छापेमारी की गई है। इस मामले में जानकारी देते हुए एडीजी लॉ एण्ड ऑर्डर आनन्द कुमार ने कहा कि योगेश राज की गिरफ्तारी जल्द ही हो जायेगी। पुलिस तेजी से उसकी गिरफ्तारी के लिए जुटी है। साथ ही उन्होंने कहा कि योगेश राज के किसी संगठन से जुड़े होने की पुष्टि नही हुई है। उन्होंने कहा, दोषियों को किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा। वहीं इस घटना में शहीद हुए जांबाज इंस्पेक्टर सुबोध कुमार का एटा स्थित उनके पैतृक गांव में अंतिम संस्कार किया गया।
गौरतलब है कि इसके साथ ही एडीजी लॉ एंड ऑर्डर आनंद कुमार ने कहा कि सुबोध कुमार हमारे लिए शहीद है और उन्हें शहीद का दर्जा ही दिया जाएगा। उनके परिवार की जो भी शिकायतें है उसे दूर करने के लिए हम प्रतिबद्ध हैं। उन्होंने बताया कि सुबोध कुमार सिंह मुज्जफरनगर कांड की जांच अधिकारी थे लेकिन जांच उन्होंने फाइनल नहीं की थी। इस मामले में किसी अन्य अधिकारी ने मामले चार्जशीट दाखिल की थी और किन कारणों से उनका ट्रांसफर किया गया इसका खुलासा नहीं कर सकता।
जबकि फायरिंग के बाबत जानकारी देते हुए एडीजी आनंद कुमार ने कहा कि पहले ग्रामीणों की तरफ से फायरिंग की बात सामने आई है और पुलिस की तरफ से हवा में फायरिंग की गई थी। एफआईआर में भी ये बात कहीं गई है। उन्होंने कहा कि इस घटना में 18 से 20 वर्षीय सुमित की भी मौत हुई है और उसकी पोस्टमार्टम रिपोर्ट में गोली लगने से मौत की पुष्टी हुई है। उन्होंने बताया कि मामले की जांच की जा रही है कि वह प्रत्यक्षदर्शी था या भी हमलावर।
उन्होंने बताया कि इस मामले में अब तक चार लोगों को गिरफ्तार किया गया है और 27 लोगों के खिलाफ नामजद रिपोर्ट है। उन्होंने बताया कि नामजद लोग भीड़ में सबसे आगे थे और इसमें 50 अन्य लोग थे जिनकी पहचान के लिए वीडियो खंगाले जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि योगेश राज भी इस मामले में नामजद आरोपी है और उसकी गिरफ्तारी की कोशिशें जारी है। इस मामले में किसी संगठन का हाथ नहीं है और किसी भी निर्दोष को सजा नहीं होगी।
मेरठ जोन के एडीजी प्रशांत कुमार ने इससे पहले कहा कि दो लोगों क कस्टडी में लिया गया है वहीं एसआईटी इस बात की जांच कर रही है कि हिंसा के दौरान पुलिसवालों ने सुबोध कुमार को अकेला क्यों छोड़ दिया। पुलिस ने गोकशी के मामले में नयाबांस गांव निवासी योगेशराज की तहरीर पर गांव के सात लोगों सुदैफ चौधरी, इलयास, शराफत, अनस, साजिद, परवेज व सरफुद्दीन के खिलाफ गोवध अधिनियम की धारा के तहत मुकदमा दर्ज किया है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह के परिजनों को 50 लाख रुपये देने की घोषणा की है। उनकी पत्नी को 40 लाख रुपये तथा माता-पिता को 10 लाख रुपये की आर्थिक सहायता दी जाएगी। मुख्यमंत्री ने आश्रित परिवार को असाधारण पेंशन व परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने की घोषणा भी की है। जबकि तमाम विपक्षी दलों ने इस घटना की तीखी आलोचना करते हुए कानून व्यवस्था के मामले में योगी सरकार को पूरी तरह से विफल करार दिया और कहा है कि प्रदेश में एक तरह से जंगलराज कायम हो चुका है।
वहीं हमेशा से योगी सरकार के क्रियाकलापों पर सवाल उठाने वाले यूपी सरकार के कबीना मंत्री ओमप्रकाश राजभर ने इस हिंसा को लेकर सवाल उठाते हुए इसे पूर्व नियोजित साजिश करार दिया है। उन्होंने कहा कि यह वीएचपी, बजरंग दल और संघ की पहले से तैयार साजिश थी, अब पुलिस भी कुछ नेताओं के नाम ले रही है। मुस्लिमों के आयोजन के दिन ही प्रदर्शन क्यों किया गया? यह शांति भंग करने की कोशिश थी।