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श्रद्धांजली: जांबाज इंस्पेक्टर सुबोध हुए पंचतत्व में विलीन

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लखनऊ। तमाम जद्दोजहद और कोशिशों के बाद आखिरकार आज बुलंदशहर हिंसा में शहीद हुए जांबाज पुलिस इंस्पेक्टर सुबोध कुमार राठौर का अंतिम संस्कर उनके पैतृक जिले एटा के उनके गांव में पूरे राजकीय सम्मान के साथ सम्पन्न होने के साथ ही उनका पार्थिव शरीर पंचतत्व में विलीन हो गया है। उनके बेटे बेटे ने मुखाग्नि दी। उनकी अंतिम यात्रा में सांसद, विधायक, अफसर सहित हजारों लोग शामिल हुए। सभी ने जांबाज को नम आंखों से अंतिम विदाई दी।

गौरतलब है कि इससे पहले परिवार ने अपनी मांगों और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को मौके पर बुलाने की मांग पर अड़े थे। परिजनों ने सरकार द्वारा दी गई आर्थिक मदद को लेने से इंकार कर दिया था। जिस पर तेलंगाना में चुनाव प्रचार करने गए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आश्वासन दिया है। इतना ही नही बल्कि CM योगी ने अलीगंज के विधायक सत्यपाल सिंह राठौड़ से बात की। उन्होंने शहीद स्मारक बनाने और इंटरकॉलेज की मांगें मान ली। हिंसा में मारे गए इंस्पेक्टर की पत्नी रजनी ने सुबोध के आरोपी कातिल को उनके हवाले करने की राज्य सरकार से मांग की है।

मंगलवार की सुबह सुबोध कुमार सिंह का पार्थिव शरीर एटा पुलिस लाइन पहुंचा। यहां राजकीय सम्मान के साथ अंतिम सलामी दी गई। एडीजी अजय आनंद, डीआईजी प्रीतिंदर सिंह, डीएम आईपी पांडेय, एसएसपी आशीष तिवारी ने पार्थिव शरीर पर पुष्पचक्र अर्पित कर श्रद्धांजलि दी। सुबह से ही हजारों की तादाद में लोग इंस्पेक्टर सुबोध कुमार के पार्थिक शरीर के आने का इंतजार कर रहे थे। दोपहर को जैसे ही गाड़ियों का एक काफिला गांव में पहुंचा, तो चारों ओर भारत माता जयघोष गूंजने लगे। हाथों में तिरंगा पकड़ युवा काफिले के आगे आगे इंस्पेक्टर के घर तक पहुंचे।

इंस्पेक्टर सुबोध के शव को देखते ही उनकी पत्नी रजनी शव को लिपट लिपट कर बिखलने लगीं। दोनों बेटों की आंखों से आंसुओं की धार थम नहीं रही थी। हर कोई नम आंखों से अपने लाल की बहादुरी के चर्चे करते हुए उन पर गर्व कर रहा था। उनकेअंतिम दर्शन के लिए हजारों की तादाद में महिला पुरुष की भीड़ उमड़ पड़ी। इस दौरान पुलिसकर्मियों ने पहले सुबोध को राजकीय सम्मान के साथ गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया। इसके बाद अंतिम संस्कार किया गया।

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