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पत्नी ने ही संपत्ति की ख्वाहिश में रची फुलप्रूफ हत्या की साजिश, आखिरकार साथियों समेत हुई गिरफ्तार

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लखनऊ। उत्तर प्रदेश के जनपद मेरठ में हाल ही में हुए बहुचर्चित राजेश अहलूवालिया हत्याकाण्ड में जो हकीकत सामने आई है उससे एक बार फिर लोगों के न सिर्फ रौंगटे खड़े हो जायेंगे बल्कि वो अपने हर करीबी रिश्ते से भी सचेत हो जायेंगे। दरअसल राजेश की हत्या के पीछे उसकी अपनी ही पत्नी नीलांजना ही थी जिसने करोड़ों की संपत्ति को पाने की लालच में अपने ही पति को एक बेहद ही शातिराना साजिश रच मौत के घाट उतरवा दिया। लेकिन फिर वही बात कानून के हाथों से बच पाना मुजरिम के लिए मुश्किल ही नही बल्कि नामुमकिन होता है। जिसके चलते आखिरकार राजेश हत्याकाण्ड में पत्नी नीलांजना मेत हत्या में शामिल तीन अन्य गिरफ्तार कर ही लिये गये।

गौरतलब है कि  राजेश को मरवाने के लिए पत्नी ने ही साजिश रची। राजेश की हत्या हो जाए और करोड़ों की प्रॉपर्टी बच्चों पर चली जाए। इसको देखते हुए नीलांजना ने सलोनी के जरिये दांव खेला। क्योंकि राजेश की उम्र 60 साल थी। नीलांजना की सहेली की उम्र 40 साल है। बेहद ही शातिराना साजिश के तहत पत्नी नीलांजना ने एक नया मोबाइल खरीदा और सलोनी को दिया। सलोनी को एफबी व व्हाट्सएप चलाना सिखाया। सलोनी की सोशल साइट के जरिये राजेश से मुलाकात कराई। राजेश सलोनी को पहले से जानता था। लेकिन ज्यादा बात कभी नहीं हुई। 20 दिन तक सलोनी और राजेश फोन पर लंबी बात करते रहे। व्हाट्सएप पर चैटिंग की जाती थी। नीलांजना रोज चैट देखती और रिकार्डिंग सुनती थी। सलोनी ने घूमने की बात कहकर राजेश को बुलाया और फिर खुर्जा ले जाकर उसकी हत्या कर दी।

ज्ञात हो कि राजेश अहलूवालिया 25 नवंबर को लापता हुए थे। 30 नवंबर को राजेश के बेटे सिद्धार्थ ने गंगानगर थाने में अपहरण का केस दर्ज कराया। राजेश की कार लावारिस हालत में बिजली बंबा बाईपास स्थित पुलिस चौकी के पास मिली थी। जहां पर एक सीसीटीवी कैमरा लगा था। फुटेज में कार से एक महिला और एक युवक को उतरते देखा गया था। पुलिस ने कॉल डिटेल निकाली, जिसमें सलोनी का एक नंबर आया। सलोनी व नीलांजना से पूछताछ चल रही थी। उनकी निशानदेही पर राशिद को गिरफ्तार किया गया। उसके बाद पता चला कि खुर्जा में अपहरण वाले दिन ही उसकी हत्या कर दी गई थी।

आरोपी राशिद ने बताया कि सलोनी ने हत्या कराने की सुपारी 25 लाख रुपये दी थी। साथ ही ये भी बताया कि हत्याकांड को अंजाम देने के बाद हापुड़ रोड पर बिजली बंबा बाईपास के समीप सलोनी और राशिद ने राजेश की कार खड़ी करके पूरे घटनाक्रम को किडनैपिंग में बदलने की कोशिश। अगले दिन 26 नवंबर को दोनों ने दिल्ली में नीलांजना को हत्या के सबूत, गंगानगर स्थित मकान और गाड़ी की चाभी सौंप दी।  घटना की जानकारी के बाद नीलांजना, बच्चों के साथ गंगानगर आ गई और पुलिस को किडनैपिंग की कहानी सुनाई।

नीलांजना इतना पैसा एक साथ नहीं दे सकती, इसे लेकर एक माह से बात चल रही थी। नीलांजना ने दो-तीन लाख के जेवरात बेचकर एडवांस देने को कहा। बाकी पैसा राजेश की हत्या के दो महीने बाद देना तय किया। नीलांजना कह रही थी कि डिफेंस कॉलोनी वाला मकान बेचकर पैसा दूंगी। इस मकान की कीमत चार करोड़ है, इसको लेकर नीलांजना और राजेश अहलूवालिया में कई बार मारपीट तक हुई। पुलिस को नीलांजना ने बताया कि राजेश उसके साथ मारपीट करता था, शादी के बाद 39 साल बाद भी वह बच्चों के साथ बेघर थी और दिल्ली में एक किराए के मकान में रह रही थी। प्रॉपर्टी हाथ से खिसकती देख नीलांजना ने यह प्लानिंग की।

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