नई दिल्ली। केन्द्र की मोदी सरकार बेहद ही सधे अंदाज में तमाम भगोड़े कर्जदारों की वापसी को लेकर प्रयासरत है। जिसके तहत वो काफी हद तक कामयाब भी होती नजर आ रही है क्योंकि अब शराब कारोबारी विजय माल्या को भारत में उसके खिलाफ कर्ज धोखाधड़ी के मामलों में ब्रिटेन से प्रत्यर्पित किए जाने के मामले में फैसला आ गया है।
गौरतलब है कि लंदन की वेस्टमिंस्टर मजिस्ट्रेट कोर्ट ने माल्या के भारत प्रत्यर्पण को मंजूरी दे दी है। विजय माल्या के भारत में प्रत्यर्पण का मामला राज्य सचिव को भेजा गया है। सीबीआई ने इस फैसले का स्वागत किया है। शराब कारोबारी विजय माल्या को भारत में उसके खिलाफ कर्ज धोखाधड़ी के मामलों में ब्रिटेन से प्रत्यर्पित किये जाने की स्थिति में मुंबई की आर्थर रोड जेल के अधिकारियों ने उसके लिए एक उच्च सुरक्षा वाली बैरक तैयार रखी है।
ज्ञात हो कि करीब 9000 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी और धनशोधन के आरोपों के चलते भारत में वांछित माल्या को सोमवार को लंदन में वेस्टमिंस्टर मजिस्ट्रेट की अदालत में पेश किया गया, जहां उसकी प्रत्यर्पण संबंधी सुनवाई पर फैसला दिया गया। वहीं, लंदन में विजय माल्या ने बैंकों को कर्ज वापस करने के बारे में कहा कि जैसा कि स्पष्ट है मामला कर्नाटक हाईकोर्ट के पास जा रहा है। इसलिए हाईकोर्ट को ही फैसला लेने दें।