नई दिल्ली। हाल में हुए पांच राज्यों के चुनावों के रूझान ने विपक्षी एकता की कवायद में फिर से फूंक दी है नई जान। जिसके तहत आज दिल्ली में तमाम विपक्षी नेताओं का न सिर्फ जमावड़ा लगा है बल्कि संसद के शीतकालीन सत्र से पहले विपक्षी एकजुटता और विभिन्न मुद्दों पर सरकार को घेरने की रणनीति तैयार करने के मकसद से विपक्षी दलों की बैठक हो रही है। लेकिन विपक्षी दलों की इस बैठक में बीएसपी सुप्रीमो मायावती और समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव मौजूद नहीं हैं।
गौरतलब है कि यह बैठक कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और यूपीए चेयरपर्सन सोनियां गांधी के पहुंचने के बाद शुरू हो गई। जिसमें संसद के शीतकालीन सत्र से पहले विपक्षी एकजुटता और विभिन्न मुद्दों पर सरकार को घेरने की रणनीति तैयार करने के मकसद से विपक्षी दलों की बैठक हो रही है। आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री और तेलुगू देशम पार्टी (तेदेपा) प्रमुख एन. चंद्रबाबू नायडू द्वारा बुलाई गई बैठक में कांग्रेस सहित कुल 16 विपक्षी दलों के नेता शामिल हैं।
संसद भवन सौंध में हो रही इस बैठक में जहां पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह एवं एचडी देवगौड़ा, कांग्रेस की शीर्ष नेता सोनिया गांधी, पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी तथा पार्टी के वरिष्ठ नेता अहमद पटेल, अशोक गहलोत, मल्लिकार्जुन खड़गे एवं गुलाब नबी आजाद शामिल हैं। वहीं आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के प्रफुल्ल पटेल, तृणमूल कांग्रेस की प्रमुख ममता बनर्जी, नेशनल कान्फ्रेंस (नेकां) के प्रमुख फारूक अब्दुल्ला, मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के महासचिव सीताराम येचुरी और भाकपा के महासचिव एस सुधाकर रेड्डी भी भाग ले रहे हैं।
इनके साथ ही द्रमुक के अध्यक्ष एमके स्टालिन, राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के नेता तेजस्वी यादव, राष्ट्रीय लोक दल के अजित सिंह और लोकतांत्रिक जनता दल के नेता शरद यादव भी इस बैठक में शामिल हैं। चंद्रबाबू नायडू बैठक का समन्वय कर रहे हैं। उन्होंने सभी गैर-भाजपा दलों के नेताओं को आमंत्रित किया था। बैठक के दौरान विपक्ष के सांसद शीतकालीन सत्र के लिए संयुक्त रणनीति बना सकते हैं। माना जा रहा है कि बैठक के दौरान विपक्षी दल सरकारी विधेयकों और राफेल सौदे तथा किसानों से संबंधित मुद्दों पर अपने रूख पर चर्चा कर सकते हैं।