नई दिल्ली! हनुमान पर विवादित बयान देने के बाद से उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ विरोधियों के निशाने पर हैं. इस बीच खबर आयी है कि योगी के खिलाफ दिल्ली के एक न्यायालय में मामला दर्ज कराया गया है. आपको बता दें कि 27 नवंबर को राजस्थान के अलवर में रैली के दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हनुमान जी के लिए वंचित दलित शब्द का प्रयोग किया था, जिस पर पूरे देश में खूब बवाल मचा.
पूर्वी दिल्ली स्थित कड़कडड़ूमा कोर्ट में विवादित बयान देने पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के खिलाफ कार्रवाई के लिए वकीलों ने शिकायत दी है. इस मामले में मुख्य महानगर दंडाधिकारी प्रयांक नायक ने चार जनवरी को कोर्ट में फर्श बाजार थानाध्यक्ष से स्टेटस रिपोर्ट पेश करने के आदेश दिए हैं.
हनुमान जी वाले बयान के बाद सैकड़ों हनुमान भक्तों की भावनाओं को ठेस पहुंचने का दावा किया गया है. जिस कारण अधिवक्ता विजेता शर्मा, गीता तोमर व रविंदर शर्मा ने मिलकर डीसीपी व फर्श बाजार थाने में इस मामले पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई.
इसके बाद उन्होंने कड़कडड़ूमा कोर्ट नंबर 38 में मुख्य महानगर दंडाधिकारी प्रयांक नागर के समक्ष इस मामले पर कार्यवाही के लिए शिकायत की. अधिवक्ता विजेता शर्मा ने बताया कि योगी आदित्यनाथ एक राज्य के मुख्यमंत्री हैं और उनके द्वारा इस तरह के बयान देना बिल्कुल उचित नहीं है. वह लाखों लोगों का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं, ऐसे में उनका यह बयान देना शोभा नहीं देता. इसके विरोध में कनाट प्लेस स्थित प्राचीन हनुमान मंदिर में दलित समाज के सैकड़ों लोगों ने प्रदशज़्न भी किया.
यहां पर बता दें कि सर्व ब्राह्मण महासभा के अध्यक्ष सुरेश मिश्रा ने भी उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा भगवान हनुमान को दलित जाति का कहने को लेकर उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज किए जाने की मांग करते हुए जयपुर की एक निचली अदालत में याचिका दाखिल की है. उन्होंने आदित्यनाथ पर राजस्थान की एक चुनावी रैली में बयान देकर हिंदुओं की भावनाओं को आहत करने का आरोप लगाया था.
उन्होंने कहा था कि भारतीय दंड संहिता की धारा 295, 295 (ए) और 298 के तहत याचिका दाखिल की गई है. अदालत मामले पर 11 दिसंबर को सुनवाई कर सकती है. इससे पहले महासभा ने मुख्यमंत्री से माफी की मांग करते हुए अगले तीन दिनों में ऐसा नहीं करने पर कानूनी कार्रवाई की धमकी दी थी.