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शैक्षिक सत्र (2019-20) में फिर एक बार, पड़ेगा अभिभावकों पर 9.5 फीसदी बढ़ी फीस का भार

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लखनऊ। आगामी शैक्षिक सत्र के दौरान अभिभावकों पर एक बार फिर स्कूल फीस का भार पड़ने वाला है। दरअसल शहर के निजी स्कूलों के संगठन अनएडेड प्राइवेट स्कूल्स एसोसिएशन (यूपीएसए) ने फीस बढ़ाने का फैसला किया है।  जिसके तहत आगामी शैक्षिक सत्र (2019-20) में अभिभावकों को 9 से 9.5 प्रतिशत तक अधिक स्कूल फीस देनी होगी।

गौरतलब है कि इस फैसले का सबसे ज्यादा भार उन अभिभावकों पर पड़ेगा जो अपने बच्चों का दाखिला कराने जा रहे हैं। क्योंकि इस प्रस्ताव के अनुसार संगठन ने सदस्य स्कूलों को नए दाखिले पर अधिक फीस लेने का प्रस्ताव दिया है।राजधानी के सेंटजोजफ स्कूल में आज सीएमएस की डॉ. गीता गांधी किंगडन कीअध्यक्षतामें हुई बैठक के दौरान फीस वृद्धि का निर्णय हुआ। बताया जाता है कि शहरके 80 स्कूल प्रबंधन संगठन से जुड़े हैं। इनके अधीन 150 स्कूल संचालित हो रहे हैं।

इस बैठक के दौरान संगठन के सदस्यों ने प्रदेश सरकार के फीस नियंत्रण कानून-2018 के खिलाफ कानूनी लड़ाई पर सहमति समेत शहर के निजी स्कूलों के संगठन अनएडेड प्राइवेट स्कूल्स एसोसिएशन (यूपीएसए) के सदस्यों ने उनके स्कूल छोड़ने वाले शिक्षकों पर लगाम लगाने के लिए नीति बनाने पर भी सहमति जताई है।

जिसके तहत अब पुराने नियोक्ता की ओर से जारी अनापत्ति प्रमाण पत्र प्रस्तुत किए जाने के बाद ही नौकरी दिए जाने का प्रस्ताव रखा गया है। संगठन के अध्यक्ष अनिल  अग्रवाल ने बताया कि ऐसे बच्चों के अभिभावकों को एक से डेढ़ महीने का नोटिस जारी किया जाएगा। उसके बाद बच्चे को स्कूल से निकाल दिया जाएगा।

ज्ञात हो कि इस बैठक में मुख्य रूप से सिटी मॉन्टेसरी स्कूल, सेंट जोजफ कॉलेज, लखनऊ पब्लिक स्कूल्स एंड कॉलेजेज (एसपी सिंह ग्रुप), द लखनऊ पब्लिक कॉलिजिएट, पायनियर मॉन्टेसरी स्कूल, इरम ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशंस, स्प्रिंग डेल स्कूल, वर्तमान एकेडमी, हॉर्नर स्कूल, कुंवर ग्लोबल पब्लिक स्कूल समेत अन्य स्कूलों के प्रतिनिधी भी शामिल हुए।

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