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जब हामिद से गले मिलीं सुषमा, ‘मेरा भारत महान, मेरी मैडम महान, बोलीं हामिद की मां

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नई दिल्ली। तकरीबन छह साल तक पाकिस्तान की जेल में रह कर आए हामिद निहाल अंसारी की कहानी किसी फिल्म से कम नही है। हालांकि तमाम कवायदों के बाद ऊपरवाले की रहमत और तमाम चाहने वालों की दुआ के असर से वो आखिरकार अपने वतन हिन्दुस्तान लौट आए। यहां पहुंच जब विदेश मंत्री सुषमा स्वराज से मिले तो वो मंजर न सिर्फ बेहद ही दिल को छू लेने वाला था बल्कि ठीक वैसा ही था जैसा कि बरसों बाद किसी बेटे के अपनी मां से मिलने पर होता है।

गौरतलब है कि हामिद की मंगलवार को वापसी हुई। हामिद ने कहा कि वतन वापसी के बाद से काफी उत्साहित हैं और इमोशनल भी हो रहे हैं। बुधवार सुबह निहाल हामिद अंसारी विदेशमंत्री सुषमा स्वराज से मिलने पहुंचे। सुषमा से उनकी मुलाकात ठीक वैसी ही रही जैसे वह वर्षों बाद अपनी मां से मिले। उन्होंने एक दूसरे को देखते ही गले लगा लिया।

इसके साथ ही विदेशमंत्री से मिलते हुए निहाल और उनकी मां फौजिया दोनों ही भावुक हो गए। सुषमा हामिद से गले मिलने के बाद मां फौजिया की तरफ मुड़ीं तो वह भावुक हो गईं और कहा ‘मेरा भारत महान, मेरी मैडम महान, सब मैडम ने ही किया।’ फौजिया जैसे ही सुषमा स्वराज को यह बातें कहीं..सुषमा ने प्यार से उनके गाल पर हाथ फेरा। वहीं पास खड़े हामिद भी अपने आंसू नहीं रोक पाए।

छह साल बाद बेटे को देखने के बाद मां फौजिया निहालो- निहाल हो रही हैं। खुशी से उनकी आंखें बार-बार छलक रही हैं। मंगलवार को बाघा बॉर्डर पर भी दिखा था जब मां फौजिया उन्हें देखते ही भावुक हो गईं और गले लगा लिया था। निहाल के स्वागत में उनकी मां और बाबा बाघा बॉर्डर पर पहुंचे थे। मां बेटे निहाल के लिए चॉकलेट लेकर पहुंची क्योंकि उन्हें चॉकलेट बहुत पसंद है।

ज्ञात हो कि सोशल मीडिया साइट फेसबुक पर हुए इश्क में पागल हामिद 2012 में पाकिस्तान पहुंच गए थे, जहां उन्हें भारतीय जासूस और बिना दस्तावेज के पाए जाने के आरोप में गिरफ्तार कर लिया गया था। लेकिन हामिद को उस समय झटका लगा जब वह जेल में भी पहुंच गए और वह जिनकी तलाश में सरहद पार गए थे वह भी नहीं मिलीं।

वैसे हामिद की रिहाई इतनी आसान भी नहीं थी। इन छह सालों में हामिद को जहां जेल में एक-एक दिन काटना मुश्किल था वहीं उनकी रिहाई के लिए पाकिस्तान में कई हाथ साथ हुए। उनमें से ही एक थी रख्शंदा नाज। वैसे तो भारत वापसी में हामिद की कई लोगों ने मदद की लेकिन इन लोगों में पाकिस्तान की मानवाधिकारों की वकील रख्शंदा नाज ने ठीक वैसे ही उनका ख्याल रखा जैसे एक मां रखती है।

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