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चर्चित राजेश्वरी हत्याकाण्ड का हुआ खुलासा, प्रेमी सर्जन डॉ. डीपी सिंह ही निकले कातिल

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लखनऊ। विवाहोत्तर संबंध जहां पुरूषों के लिए तो किसी न किसी रूप में दिक्कत का सबब बनते ही हैं वहीं शादी शुदा पुरूषों के साथ संबंध बनाना और उन संबंधों में दूर तक जाना अक्सर किसी भी युवती या महिला के लिए कितना घातक होता है। इसके तमाम उदाहरण जब-तब देखे ही जाते हैं वहीं अब ठीक ऐसी ही कहानी गोरखपुर के चर्चित राजेश्वरी श्रीवास्तव उर्फ राखी हत्याकाण्ड में भी सामने आई है।

गौरतलब है कि यूपी एसटीएफ ने गोरखपुर के चर्चित राजेश्वरी श्रीवास्तव उर्फ राखी हत्याकांड मामले में गोरखपुर के आर्यन अस्पताल के मालिक डॉ डीपी सिंह व दो अन्य को गिरफ्तार कर लिया, राखी का शव नेपाल से बरामद हुआ था। इससे पहले राखी के भाई ने जुलाई 2018 में राखी की गुमसुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई थी। इसकी जानकारी यूपी एसटीएफ के आईजी अमिताभ यश ने गोरखपुर में पत्रकार वार्ता के दौरान दी।

बताया जाता है कि डॉ डीपी सिंह का संबंध राजेश्वरी श्रीवास्तव से 2006-07 से था, राखी के पिता हरिराम श्रीवास्तव डॉ डीपी सिंह के अस्पताल में ही भर्ती थे जिसकी वजह से राखी का यहां आना जाना होता रहता था, लगातार अस्पताल में राखी के आने जाने से उनका संबंध बन गया फिर उन दोनों ने साल 2011 फरवरी में जनपद गोंडा में शादी कर ली।

डॉ डीपी सिंह की पहली पत्नी उषा सिंह को उनकी शादी के बारे में कोई जानकारी नहीं थी। इधर प्रेमिका से पत्नी बनी राखी और डॉक्टर से एक बेटी हुई जिसकी इलाज के दौरान मौत अस्पताल में हो गई। डॉ. के ऊपर उनकी पत्नी ऊषा ने रेप और अपहरण का मुकदमा भी दर्ज करवाया था। यह मामला न्यायालय में विचाराधीन है।

बताया जाता है कि इतना ही नही बल्कि राखी को डॉक्टर ने सरस्वतीपुरम थाना बछिया शाहपुर गोरखपुर में मकान खरीद कर दिया था। राखी की शादी साल 2018 के फरवरी में मनीष कुमार श्रीवास्तव नाम के एक व्यक्ति से हो गया। शादी के बाद भी राखी का संबंध डॉक्टर के साथ बना रहा। राखी हमेशा डॉक्टर को ब्लैकमेल करते पैसे लिया करती थी।

इस बात से तंग आकर डॉक्टर ने कई दिनों से योजना बनाना शुरू कर दिया था कि कैसे राखी की हत्या करनी है। जिसके तहत योजना बनाकर 4 जून 2018 को डॉक्टर, देश दीपक निषाद और प्रमोद कुमार सिंह के साथ स्कार्पियो से नेपाल गया। नेपाल जाने के दौरान प्रमोद कुमार गाड़ी चला रहे थे जबकि देश दीपक निषाद ड्राइवर की बगल वाली सीट पर बैठा था और डॉक्टर पिछली सीट पर। दोपहर के समय ये लोग नेपाल पहुंचे।

जबकि वहीं नेपाल में थोड़ा अंदर जाने पर रास्ते में सड़क पर राखी बैग लेकर खड़ी इन लोगों से मिली। डॉक्टर की बात नेपाल के नंबर से ही राखी से हुई थी। राखी डॉक्टर के बगल में ही उनके साथ गाड़ी में बैठ गई इसके बाद ये लोग पोखरा के लिए निकले। बुटवल से थोड़ा आगे और पालपा से पहले इन लोगों ने नाश्ता किया। बुटवल से लगभग 100 किमी आगे मुलंग में एक छोटे होटल में सभी रात में रूके। इन लोगों ने होटल में दो रूम बुक किये थे। डॉक्टर और राखी एक कमरे में ठहरे थे। इसके बाद सुबह लगभग 11 बजे ये लोग खाना खाकर पोखरा के लिए निकले।

लगभग 4-5 बजे सभी पोखरा पहुंचे और डेविस फाल घूमे। इसके बाद राखी ने मार्किंग की फिर पोखरा में ही सभी ने नाश्ता किया और उसके बाद पहाड़ के ऊपर सारंगकोट स्थान पर सभी होटल मे रूके। इस होटल में इन लोगों ने चाय और शराब भी पी ली। राखी के चाय में डॉक्टर ने ऐलप्राक्स दवा का पाउडर मिला दिया। लगभग रात के 11 बजे राखी की तबियत अचानक खराब होने लगी। फिर ये लोग राखी को लेकर उसी रात पोखरा के लिए निकल गये। गाड़ी में ही राखी बेहोश हो गई। इसके बाद इन लोगों ने राखी को गाड़ी से निकाला और एक पहाड़ से नीचे धक्का दे दिया।

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