नई दिल्ली। बिहार में लोकसभा चुनाव में सीटों के बंटवारे को लेकर हाल के कुछ वक्त से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और लोकजनशक्ति पार्टी (लोजपा) के बीच जारी कशमकश पर फिलहाल विराम लगता नजर आ रहा है क्योंकि काफी हद तक दोनों के बीच आपसी सहमति बनती नजर आ रही है। दरअसल भाजपा के बिहार मामलों के प्रभारी अरूण जेटली ने इस सिलसिले में संसद परिसर में शुक्रवार को रामविलास पासवान और चिराग पासवान से मुलाकात भी की। जिसके बाद राम विलास पासवान और उनके पुत्र चिराग पासवान के तेवर नरम होते नजर आये।
गौरतलब है कि संसद भवन में अरुण जेटली से मुलाकात के बाद चिराग पासवान ने कहा कि बातचीत जारी है और ज्यादा जानकारी हम बाद में देंगे। एलजेपी नेता राम चरण पासवान ने कहा कि हम बीजेपी के साथ और हम गठबंधन से अलग नहीं हो रहे है। जल्द बीजेपी के साथ सीट शेयरिंग फॉर्मूले की घोषणा करेंगे। वहीं इससे पहले गुरुवार को बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव भूपेंद्र यादव ने चिराग पासवान के साथ बैठक की थी। सूत्रों के मुताबिक, चिराग ने बिहार से अपनी पार्टी के लिए सात सीटों की मांग की और अपने पिता रामविलास के लिए राज्यसभा की एक सीट के लिए भी अप्रत्यक्ष रूप से मंशा भी जताई थी।
अगर सूत्रों की मानें तो जदयू के साथ आने के बाद सीटों की संख्या फिर से तय होने के साथ हर दल के हिस्से की सीटों को नए सिरे से चिन्हित किया जाना है। इसमें लोजपा की सीटें भी प्रभावित हो रही है। यह भाजपा के लिए भी चुनौतीपूर्ण है, क्योंकि अभी उसके 22 सदस्य हैं, जबकि गठबंधन के बाद 17 सीटें ही हिस्से में आई हैं। ऐसे में पांच सदस्यों की सीटें कटना तय है। वहीं जदयू सामाजिक और क्षेत्रीय समीकरणों के आधार पर 2009 के फार्मूले के आधार पर सीटों का बंटवारा करने के लिए दबाव बना रही है।