लखनऊ। गाजीपुर में कुछ हैवानों की हिंसा का शिकार बने शहीद पुलिस हेड कांस्टेबिल का आज पूरे राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार सम्पन्न हुआ। जिसके तहत जहां आज पुलिस हेड कांस्टेबल सुरेश वत्स का पार्थिव शरीर अंतिम संस्कार के लिए सोमवार को प्रयागराज पहुंचा। यहां रसूलाबाद घाट पर राजकीय सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया गया। अंतिम संस्कार के वक्त एडीजी एसएन साबत मौजूद रहे।
गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश पुलिस में हेड कांस्टेबल की पोस्ट पर तैनात शहीद सुरेश वत्स मूलत: प्रतापगढ़ के रहने वाले थे। ज्ञात हो कि कठवामोड़ पर जाम के दौरान शनिवार को निषाद पार्टी के कार्यकर्ताओं द्वारा किए पथराव में हेड कांस्टेबल सुरेश प्रताप वत्स की मौत के मामले में 11 और सुहबल व करंडा थाना क्षेत्र में चक्काजाम में करने के मामले में निषाद पार्टी के नौ लोगों को गिरफ्तार किया गया है।
हालांकि इस मामले की जांच एसपी सिटी प्रदीप दुबे को सौंप दी गई है। मुख्य आरोपी निषाद पार्टी का महासचिव अर्जुन कश्यप अभी फरार है। एडीजी पीवी रामाशास्त्री ने कहा कि दोषियों को किसी भी हाल में बख्शा नहीं जाएगा। केद्रीय मंत्री महेश शर्मा ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण घटना है, लेकिन इसे राज्य में कानून और व्यवस्था की स्थिति से नहीं जोड़ा जाना चाहिए। यह एक प्रतिक्रियात्मक घटना थी। सीएम ने इसका संज्ञान लेते हुए तत्काल कार्रवाई की।
ज्ञात हो कि गाजीपुर में उपद्रवियों के पथराव में शहीद हुए दीवान सुरेश प्रताप वत्स की हत्या से परिवार में आक्रोश है। पत्नी डिंपल 26 घंटे बाद पति का चेहरा देख सकी। रोते हुए कहा कि उसके पति की हत्या का जवाब गाजीपुर आए प्रधानमंत्री मोदी व प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को देना होगा। आखिर दर्जनों पुलिसकर्मियों के बीच उसके पति की ही कैसे उपद्रवियों ने हत्या कर दी। दूसरे पुलिसकर्मी क्या करते रहे। उसे आर्थिक मदद नहीं बल्कि इंसाफ चाहिए। परिवार के लोग घटना के लिए साथी पुलिसकर्मियों की लापरवाही मान रहे हैं।