नई दिल्ली। राजस्थान की गहलोत सरकार में एक मुस्लिम मंत्री द्वारा पूरे विधि विधान से एक शिव मंदिर में पूजा अर्चना किये जाने का मामला काफी चर्चाओं में बना हुआ है। इस मामले में कई तरह की प्रतिक्रियाऐं भी आना जारी हैं। वहीं इस सबके बीच उक्त मंत्री ने अपना पक्ष रखते हुए कहा कि ‘पश्चिमी राजस्थान साम्प्रदायिक सद्भाव का सर्वश्रेष्ठ उदाहरण है। बाबा रामदेवजी में हिन्दु और मुस्लिम दोनों ही समुदाय के लोगों की अटूट श्रद्धा है।’ शिव मंदिर में पूजा को लेकर उन्होंने कहा कि मैं वहां अपनी निजी आस्था के चलते जाता हूं।
गौरतलब है कि राजस्थान की गहलोत सरकार में मंत्री सालेह मोहम्मद ने जैसलमेर जिले के पोखरण में स्थित एक शिव मंदिर में रुद्राभिषेक किया। पोखरण सीट से विधायक और मुस्लिम धर्मगुरु गाजी फकीर के बेटे मोहम्मद मंत्री पद की शपथ लेने के बाद पहली बार रविवार को अपने विधानसभा क्षेत्र पहुंचे थे। सालेह मोहम्मद के मंदिर में पूजा करने के फैसले ने वहां मौजूद लोगों को चौंका दिया।
शिव मंदिर के पुजारी मधु चंगानी ने इस की पुष्टि की है। उनके अनुसार ऐसा पहली बार नही हुआ है कि सालेह मोहम्मद यहां आए हैं, वह चुनाव के समय भी यहां आते रहे हैं।’ पुजारी ने कहा ‘मोहम्मद का इस मंदिर के साथ खास जुड़ाव है। उन्होंने हिन्दू रीति-रिवाजों के अनुसार विशेष पूजा की। पूजा आधे घंटे चली। उन्होंने भगवान शिव पर दूध, शहद आदि सामग्री अर्पित की।
वहीं अपने इस कदम के बाबत राज्य के अल्पसंख्यक मंत्री सालेह मोहम्मद ने कहा, ‘पश्चिमी राजस्थान साम्प्रदायिक सद्भाव का सर्वश्रेष्ठ उदाहरण है। बाबा रामदेवजी में हिन्दु और मुस्लिम दोनों ही समुदाय के लोगों की अटूट श्रद्धा है।’ शिव मंदिर में पूजा को लेकर उन्होंने कहा कि मैं वहां अपनी निजी आस्था के चलते जाता हूं।
ज्ञात हो कि इस बार पोखरण विधानसभा चुनाव बेहद दिलचस्प हुआ था। कांग्रेस ने यहां से सिंधी मुस्लिम धर्मगुरु गाजी फकीर के बेटे सालेह मोहम्मद को टिकट दिया था जबकि बीजेपी ने नाथ संप्रदाय के प्रसिद्ध तारतरा मठ के महंत प्रतापपुरी महाराज को चुनावी मैदान में उतारा था।