नई दिल्ली। चुनावी साल में मोदी सरकार द्वारा लोक-लुभावने फैसलों से एक बार फिर हालातों को अपने पक्ष में करने की कवायद बखूबी जारी है जिसके तहत हाल ही में आर्थिक तौर पर पिछड़े सवर्णें को आरक्षण दिये जाने के बाद अब केंद्र की मोदी सरकार के मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने शिक्षकों को 7वें वेतन आयोग को लागू के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है।
गौरतलब है कि मंगलवार को मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने बड़ा ऐलान करते हुए सरकारी और वित्तपोषित तकनीकी शिक्षण संस्थानों के शिक्षकों को 7वें वेतन आयोग की सिफारिशों का लाभ देने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी। जानकारी के अनुसार इसके लिए मंत्रालय ने 1241 करोड़ रुपये की मंजूर दी है।
इसके साथ ही जावड़ेकर कहा कि, इस फैसला का सीधा लाभ राज्य सरकार द्वारा वित्तपोषित संस्थानों के कुल 29,264 शिक्षकों और अन्य शैक्षणिक कर्मियों के साथ अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (AICTE) के दायरे में आने वाले निजी कॉलेजों/संस्थानों के करीब साढे तीन लाख शिक्षकों और शैक्षणिक कर्मियों को मिलेगा।
इसके साथ ही उन्होंने कहा कि, सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों को लागू करने के लिए बकाये के भुगतान हेतु इन संस्थानों द्वारा किए जाने वाले कुल अतिरिक्त खर्च के 50 प्रतिशत का भुगतान भी केंद्र सरकार करेगी।
वहीं जबकि आपको ज्ञात हो कि हाल ही में भाजापा शासित राज्य महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कर्मियों के लिए सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों को स्वीकृति दी थी, जिन्हें 1 जनवरी, 2016 से लागू किया जाएगा।
केंद्र सरकार ने 7वें वेतन आयोग की सिफारिशों को लागू करने का तोहफा देश के शैक्षणिक संस्थानों को मिलेगा। जिसके तहत शिक्षक, स्टाफ और टेक्नीकल इंस्टीट्यूट के कर्मचारियों को 7वें वेतन आयोग के तहत बढ़ी हुई सैलरी का फायदा मिलेगा।
वहीं न्यूज एजेंसी के अनुसार देश के सभी शिक्षकों, एकेडमिक स्टाफ, टेक्नीकल इंस्टीट्यूट के कर्मचारियों को इसका लाभ मिलेगा। हालांकि शिक्षकों को दिए गए इस तोहफे से केंद्र सरकार के खजाने पर 1241.78 करोड़ का अतिरिक्त बोझ पड़ेगा।