नई दिल्ली! भारत के 15 वर्ष से कम और 65 वर्ष से अधिक के नागरिक नेपाल और भूटान की यात्रा के लिए आधार कार्ड को वैध यात्रा दस्तावेज के रूप में इस्तेमाल कर सकेंगे. हालांकि इन दोनों वर्गों के अलावा अन्य भारतीय दोनों पड़ोसी देशों की यात्रा के लिए आधार कार्ड का प्रयोग नहीं कर सकेंगे. हाल ही में गृह मंत्रालय द्वारा जारी विज्ञप्ति में यह जानकारी दी गई है. बता दें कि दोनों देशों की यात्रा के लिए वीजा की आवश्यकता नहीं होती है.
विज्ञप्ति में कहा गया है कि भारतीय नागरिकों के पास यदि वैध पासपोर्ट, भारत सरकार द्वारा जारी फोटो पहचान पत्र या चुनाव आयोग द्वारा जारी पहचान पत्र है तो उन्हें नेपाल और भूटान जाने के लिए वीजा की जरूरत नहीं है. इससे पहले इन दोनों देशों की यात्रा के लिए 65 वर्ष से अधिक और 15 वर्ष से कम आयु के लोगों को अपनी पहचान साबित करने के लिए पैन कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस, केंद्र सरकार स्वास्थ्य सेवा (सीजीएचएस) कार्ड या राशन कार्ड दिखाना पड़ता था, लेकिन ये लोग आधार कार्ड का इस्तेमाल नहीं कर सकते थे.
गृह मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि आधार कार्ड को अब इस सूची में जोड़ दिया गया है. अधिकारी ने बताया, “भारतीय नागरिकों के लिए भारतीय दूतावास, काठमांडू द्वारा जारी पंजीकरण प्रमाण पत्र भारत और नेपाल के बीच यात्रा के लिए स्वीकार्य यात्रा दस्तावेज नहीं है. हालांकि नेपाल में भारतीय दूतावास द्वारा जारी किया गया आपातकालीन प्रमाण पत्र और पहचान प्रमाण पत्र भारत वापसी की केवल एक यात्रा के लिए मान्य होगा.”
अधिकारी ने कहा कि 15 से 18 साल के किशोरों को उनके स्कूल के प्रधानाचार्य द्वारा जारी पहचान प्रमाण पत्र के आधार पर भारत और नेपाल के बीच यात्रा करने की अनुमति दी जाएगी. वहीं भूटान की यात्रा करने वाले भारतीय नागरिकों के पास छह महीने की न्यूनतम वैधता के साथ या तो भारतीय पासपोर्ट या निर्वाचन आयोग द्वारा जारी मतदाता पहचान पत्र होना चाहिए.
भारतीय नागरिकों के पास यदि वैध पासपोर्ट, भारत सरकार द्वारा जारी फोटो पहचान पत्र या चुनाव आयोग द्वारा जारी पहचान पत्र है तो उन्हें नेपाल और भूटान जाने के लिए वीजा की जरूरत नहीं है.