लखनऊ। उत्तर प्रदेश में 02 जून 2016 को मथुरा के जवाहरबाग में हुए बहुचर्चित हिंसा मामले आज अदालत ने 45 लोगों को दोषी करार दिया है। अदालत ने इस मामले में दोषी करार दिए गए सभी आरोपियों को तीन साल की सजा सुनाई है। अदालत ने इस मामले के मुख्य आरोपी चंदन बोस, उसकी पत्नी पूनम बोस और अन्य महिला श्यामवती को बरी कर दिया है।
गौरतलब है कि पुलिस के मुताबिक, जवाहरबाग में 2 जून 2016 को हुई गोलीबारी में फरह थाने के एसओ संतोष यादव को एके 47 से गोली मारने के मामले में रामबृक्ष यादव के साथ उसका खास सलाहकार चंदन बोस, गिरीश यादव और राकेश गुप्ता भी शामिल थे और इन्हें मुख्य आरोपी बनाया था। पुलिस ने इस मामले में 15 जनू को चंदन बोस परसरामपुर गांव से पत्नी पूनम समेत पकड़ा गया था।
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने जवाहर बाग में हुई हिंसा की जांच सीबीआई से कराने के आदेश दिए थे। घटना के बाद मौके से मिले प्रदर्शनकारियों के 24 शव के डीएनए नमूने शिनाख्त के उद्देश्य से पुलिस ने पोस्टमॉर्टम के दौरान सुरक्षित कर लखनऊ एफएसएल भेजे थे। यही नहीं जवाहर बाग से जुड़ी फाइल दबाने की जानकारी मिली थी। इसके बाद सीबीआई टीम ने गृह विभाग में तैनात समीक्षा अधिकारी और कॉन्स्टेबल से पूछताछ की थी।
ज्ञात हो कि 2 जून 2016 की शाम एसपी सिटी मुकुल द्विवेदी और एसओ संतोष यादव जवाहबाग पार्क में अवैध कब्जा खाली कराने गए थे। इस दौरान रामवृक्ष यादव के गुर्गे हथियारों सहित पुलिस पर टूट पड़े। लोगों ने एसपी सिटी और एसओ की गोली मारकर हत्या कर दी थी। इस बाद पुलिस की ओर से की गई कार्रवाई में कई लोग मारे गए थे।