नई दिल्ली! बैंकों का करीब 9 हजार करोड़ रुपये का कर्ज लेकर फरार कोराबारी विजय माल्या के केस में सीबीआई को बड़ी सफलता हाथ लगी है. अंग्रेजी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक ब्रिटेन में रह रहे विजय माल्या के खातों का ब्यौरा स्विटजरलैंड सरकार सीबीआई को सौंपने को तैयार है. हालांकि कि माल्या ने स्विटजरलैंड सरकार के इस फैसले को रोकने की भरपूर कोशिश की और वहां के सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गया लेकिन उसे वहां भी मुंह की खानी पड़ी.
गौरतलब है कि सीबीआई ने माल्या मामले में स्विस अथॉरिटीज से अपील की थी माल्य के 4 बैंक खातों में मौजूद पैसे को ब्लॉक कर दिया जाए जिसे जिनेवा सरकार ने मंजूरी दे दी.
जिनेवा के सरकारी अभियोजक ने 14 अगस्त 2018 को न सिर्फ सीबीआई के आग्रह को मान लिया बल्कि उसके तीन अन्य खातों से जुड़ी जानकारियां भी जांच एजेंसी के साथ साझा करने के लिए तैयार हो गया है.
स्विस सरकार के इस फैसले को रोकने के लिए विजय माल्या की लीग टीम स्विटजरलैंड की सुप्रीम कोर्ट पहुंच गई और दलील दी की भारतीय जांच एजेंसी की प्रक्रिया में गंभीर खामी है और सीबीआई के स्पेशल डायरेक्टर रहे राकेश अस्थाना पर भ्रष्टाचार के आरोप हैं. माल्या की इस दलील को कोर्ट ने मानने से इनकार कर दिया और कहा कि माल्या विदेशी प्रक्रिया में खामी निकालने की अधिकृत नहीं है. वह किसी तीसरे देश में रह रहा है और उसका प्रत्यर्पण लंबित है. क्रिमिनल प्रक्रिया के सवाल पर संबंधित देश फैसला करेगा जहां अभी वह रह रहा है.
अंग्रेजी अखबार के रिपोर्ट के मुताबिक स्विस कोर्ट ने माल्या के जिन 4 खातों को ब्लॉक किया है उसमें एक माल्या की और तीन अन्य ड्रायटन रिसोर्सेज, ब्लैक फॉरेस्ट होल्डिंग्स और हैरिसन फाइनैंस शामिल है.