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सच आया सामने अयोध्या में दफनाई गईं थी कारसेवकों की लाशें

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अयोध्या!अयोध्या में श्री राम मंदिर निर्माण को लेकर चल रही कशमकश के बीच एक टीवी चैनल के सनसनीखेज खुलासे ने देश की सियासत में भूचाल ला दिया है. इस चैनल की स्टिंग रिपोर्ट में दावा किया गया है कि वीएचपी के आह्वान पर अयोध्या में साल 1990 में इकट्ठे हुए जिन सैकड़ों कारसेवकों पर गोली यूपी पुलिस (तत्कालीन मुलायम सिंह यादव) ने चलाई थी उसमें कारसेवकों की मौत का आंकड़ा ज्यादा था जबकि मीडिया के सामने कम बताया गया. इस रिपोर्ट में राम जन्मभूमि थाने के तत्कालीन एसएचओ वीर बहादुर सिंह से हुई बातचीत का खुलासा करते हुए बताया गया है कि उन्होंने आठ लोगों की मौत और 42 लोगों के घायल होने का आंकड़ा बताया था.

वीर बहादुर कहते हैं, हमें सरकार को रिपोर्ट भी देनी थी तो हम तफ्तीश के लिए श्मशान घाट गए, वहां हमने पूछा कि कितनी लाशें हैं जो दफनाई जाती हैं और कितनी लाशों का दाह संस्कार किया गया है, तो उसने बताया कि 15 से 20 लाशें दफनाई गई हैं. हमने उसी आधार पर सरकार को अपना बयान दिया था. हालांकि हकीकत यही थी कि वे लाशें कारसेवकों की थीं. उस गोलीकांड में कई लोग मारे गए थे. आंकड़े तो नहीं पता हैं, लेकिन काफी संख्या में लोग मारे गए थे. उल्लेखनीय है कि मुलायम सिंह यादव कई मौकों पर इस गोलीकांड को सही ठहराते रहे हैं.

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