नई दिल्ली। घाटी में एक बेहद ही सनसनीखेज खुलासा उस वक्त हुआ जब सेना के जवान औरंगजेब की अपहरण के बाद हत्या के बहुचर्चित मामले में जांच कर रही पुलिस ने तीन जवानों को आतंकियों के लिए मुखबिरी के आरोप में हिरासत में लिया है। माना जा रहा है कि इसी मुखबिरी के चलते ही छुट्टी पर घर जा रहे औरंगजेब की अपहरण कर हत्या कर दी गई थी।
हालांकि फिलहाल इस मामले में पुलिस का कहना है कि वह अभी राष्ट्रीय राइफल्स के दो जवानों से पूछताछ कि जा रही है। जम्मू-कश्मीर में यह पहला मौका है जब किसी सेना के जवान पर यह प्रश्न चिन्ह लग रहा है कि उसने आतंकियों के लिए मुखबिरी की हो। अगर वाकई ऐसा है तो फिर ये भविष्य के लिए बड़ा खतरा हो सकता है।
ज्ञात हो कि गत साल जून 2018 में ईद से पहले सेना की 44 आरआर के राइफलमैन औरंगजेब छुट्टियों पर पुंछ अपने घर जा रहे थे। इस दौरान आतंकियों ने पुलवामा और शोपियां के रास्ते में उन्हें निजी टैक्सी से अगवा कर लिया था। कलमपोरा से करीब 15 किलोमीटर दूर गुस्सु गांव में अगले दिन औरंगजेब का गोलियों से छलनी शव मिला था।
जबकि हाल ही में शौर्य चक्र विजेता शहीद सैनिक औरंगजेब के पिता मोहम्मद हनीफ भाजपा में शामिल हुए थे। विजयपुर में भाजपा की महारैली में प्रधानमंत्री के पहुंचने से पूर्व ही प्रदेशाध्यक्ष रवींद्र रैना, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष अविनाश राय खन्ना, सांसद जुगल किशोर शर्मा व अन्य नेताओं की मौजूदगी में मोहम्मद हनीफ को भाजपा में शामिल किया गया था।
इस दौरान पार्टी नेताओं ने मोहम्मद हनीफ को पार्टी का पटका पहनाकर अभिनंदन भी किया था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मंच पर पहुंचने पर मोहम्मद हनीफ उनसे मिले भी थे। इस दौरान मोहम्मद हनीफ ने प्रधानमंत्री को शहीद सैनिक औरंगजेब का चित्र भी भेंट किया था।