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एयरपोर्ट पर रोके जाने से अखिलेश गुस्से में आए, CM योगी पर गंभीर आरोप लगाए

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नई दिल्ली। देश के सबसे अहम उत्तर प्रदेश में सियासी सरगर्मियां फिलहाल जोरों पर हैं अभी कल ही जहां राजधानी लखनऊ में प्रियंका राहुल का जोरदार रोड शो हुआ तो वहीं आज इलाहाबाद विश्वविद्यालय के कार्यक्रम में जा रहे पूर्व मुख्यमंत्री और सपा मुखिया अखिलेश यादव को योगी सरकार द्वारा रोके जाने पर एक तरह से देश और प्रदेश में सियासी घमासान मच गया है। जिसके चलते जहां खुद अखिलेश ने योगी सरकार पर जोरदार हमला बोलते हुए न सिर्फ गंभीर आरोप लगाए बल्कि कहा कि ये देश के पहले ऐसे मुख्यमंत्री हैं जिन पर इतनी सारी धाराएं लगी हुई हैं और इन्होंने अपनी धाराएं खुद हटवा ली हैं। जबकि वहीं इस मामले में मेरा पूरा रिकॉर्ड साफ है। मेरे ऊपर एक भी धारा नहीं लगी है।

गौरतलब है कि अखिलेश ने में प्रेस कांफ्रेंस करते हुए कहा कि मैंने 27 दिसंबर को ही कार्यक्रम भेज दिया था जिससे कि प्रशासन को जो भी तैयारियां करनी हैं कर ली जाएं, लेकिन सरकार की नीयत साफ नहीं थी। सरकार नहीं चाहती कि मैं छात्रों से मिलूं। इसलिए मुझे जाने से रोक दिया गया। मेरे घर की रेकी करवाई गई और जब मैं एयरपोर्ट पहुंचा तो वहां पुलिस का अधिकारी मौजूद था। जबकि एयरपोर्ट पर पुलिसकर्मियों को जाने की अनुमति नहीं है। वहां की सुरक्षा की जिम्मेदारी किसी अन्य फोर्स की होती है।

साथ ही उन्होंने कहा कि कहा कि सच ये है कि सरकार छात्रों से डर गई है। इलाहाबाद विश्वविद्यालय के चुनाव को सरकार अपने खुद के चुनाव की तरह ले रही थी और सरकार के मंत्री व नेता इसमें शामिल थे। जब भी मुख्यमंत्री योगी विश्विद्यालय जाते होंगे तो छात्रों से किसी भी कीमत में चुनाव न हारने की बात कहते होंगे। इसके बाद भी जब चुनाव हार गए तो छात्रसंघ के अध्यक्ष के हॉस्टल में आग लगवा दी। यहां तक कि जब कार्यक्रम होने वाला था तब मंच के करीब बम फेंके गए। अखिलेश ने कहा कि अगर ये सब सरकार की मिलीभगत से हुआ। इसलिए आग लगाने व बम फेंकने वालों के खिलाफ अब तक कोई कार्रवाई नहीं की।

उनके इलाहाबाद विश्वविद्यालय जाने से हिंसा भड़क सकने के आरोप पर उन्होंने साफ कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ खुद ही हिंसा करवाने वाले हैं। अफसरों ने हिंसा करना उन्हीं से सीखा है। साथ ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर लगी आपराधिक धाराओं की तख्ती दिखाते हुए कहा कि ये देश के पहले ऐसे मुख्यमंत्री हैं जिन पर इतनी सारी धाराएं लगी हुई हैं और इन्होंने अपनी धाराएं खुद हटवा ली हैं। जबकि वहीं इस मामले में मेरा पूरा रिकॉर्ड साफ है। मेरे ऊपर एक भी धारा नहीं लगी है। उन्होंने योगी की भाषा पर भी आपत्ति जताई और कहा कि ऐसे व्यवहार के लिए उन्हें भी तैयार रहना चाहिए, उनके साथ भी ऐसा हो सकता है।

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