नई दिल्ली। चीन द्वारा एक बार फिर आतंकी सरगना मसूद अजहर का बचाव किये जाने पर जहां दुनिया के तमाम देश आज भारत के पक्ष में खड़े हैं सवहीं ऐसे में देश में फिर सियासी बयानबाजियों का दौर बखूबी जारर है। जिसकी बानगी है कि जहां इस मामले में प्रमुख विपक्षी दल कांगेस ने प्रधानमंत्री मोदी और उनकी नीतियों पर निशाना साधा है। वहीं भाजपा ने भी बखूबी पलटवार करते हुए कांग्रेस को एक बार फिर कटघरे में खड़ा किया है।
गौरतलब है कि मसूद अजहर को वैश्विक आतंकी घोषित करने पर एक बार फिर से चीन ने अड़ंगा लगाते हुए संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद् में वीटो का इस्तेमाल किया है। जिसके बाद से राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप का दौर के तहत कांग्रेस के आरोपों पर केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने प्रेस कांफ्रेस की। उन्होंने राहुल गांधी से पूछा कि जब भारत को पीड़ा होती है तो राहुल गांधी को खुशी क्यों होती है? इसके अलावा उन्होंने कहा कि राहुल के चीन के साथ अच्छे संबंध हैं।
उन्होंने कहा कि चौथी बार अजहर को वैश्विक आतंकी घोषित किए जाने की कोशिश की थी। यह फ्रांस, अमेरिका और ब्रिटेन का प्रस्ताव था। यह भारत की कूटनीतिक जीत है कि जिसके लिए पहले वह पहल करता था अब अन्य देश उसका साथ दे रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘आतंकवादी मसूद अजहर को वैश्विक आतंकी घोषित करने के लिए इस बार प्रस्ताव अमेरिका, ब्रिटेन और फ्रांस लेकर आए, चीन को छोड़कर बाकी सभी देशों ने इस प्रस्ताव का समर्थन किया। चीन के इस कदम से भारत और भारतवासी बहुत दुखी हैं। आज चीन को छोड़कर पूरी दुनिया भारत के साथ खड़ी है। ये एक तरह से भारत की कूटनीतिक जीत है।’
कानून मंत्री ने पूछा, ‘क्या मसूद अजहर जैसे नृशंस हत्यारे के मामले में कांग्रेस का स्वर दूसरा होगा? राहुल गांधी के ट्वीट से ऐसा लगता है कि उन्हें इस बात से खुशी है। भारत को जब भी पीड़ा होती है तो राहुल खुश क्यों होते हैं? राहुल गांधी के ट्वीट जैश के दफ्तर में खुशी से पढ़े जाएंगे। आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में कांग्रेस गंभीर नहीं।’
प्रसाद ने कहा, ‘मसूद अजहर को लेकर कांग्रेस का रुख दूसरा है। राहुल के चीन के साख अच्छे संबंध हैं। राहुल गांधी से मेरा सवाल है कि 2009 में यूपीए के समय में भी चीन ने मसूद अजहर पर यही टेक्निकल आपत्ति लगाई थी, तब भी आपने ऐसा ट्वीट किया था क्या? मसूद को जब चीन बचाता है तो राहुल को खुशी होती है। राहुल गांधी जी आज आपकी विरासत के कारण ही चीन सुरक्षा परिषद का सदस्य है।’