नई दिल्ली। देश के अहम सूबे उत्तर प्रदेश में एक बेहद दिलचस्प वाकिया उस वक्त पेश आया जब एक बाहुबली की बेटी को पहले तो दो-दो पार्टियों ने टिकट दिया लेकिन वहीं महज कुछ ही वक्त में ही देश की अहम पार्टी ने अचानक उसका टिकट काट किसी और को उम्मीदवार बना दिया। जिसके चलते सियासी गलियारों में चचायें जारी हैं। माना जा रहा है कि अपने इस कदम के चलते कांग्रेस पार्टी को खासा नुक्सान होना तय है।
गौरतलब है कि मौजूदा लोकसभा चुनावों में गुरुवार को कांग्रेस की तरफ से जारी की गई उम्मीदवारों की 13वीं लिस्ट में तनुश्री को महाराजगंज से उम्मीदवार घोषित किया गया था। वहीं और शिवपाल यादव की प्रगतिशील समाजवादी पार्टी ने भी अपनी घोषित लिस्ट में तनुश्री को महाराजगंज से ही उम्मीदवार बनाया है।
अहम बात ये है कि तनुश्री जेल में सजा काट रहे पूर्व विधायक अमरमणि त्रिपाठी की बेटी हैं। वहीं, उनके भाई अमनमणि त्रिपाठई नौतनवा विधानसभा सीट से निर्दलीय विधायक हैं। तनुश्री के पिता अमरमणि त्रिपाठी को इलाके का कद्दावर नेता माना जाता था, लेकिन मधुमिता हत्याकांड में जेल जाने के बाद उनकी सियासत पर ग्रहण लग गया।
लेकिन हद की बात है कि इसके बावजूद त्रिपाठी परिवार के प्रभाव की बानगी ही है कि अमरमणि के बेटे अमनमणि ने उत्तर प्रदेश की नौतनवा विधानसभा सीट से एक निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में जीत हासिल की। यही वजह है कि पार्टियों को तनुश्री में भी एक जिताऊ कैंडिडेट नजर आ रहा है। हालांकि ताजा रिपोर्ट्स के मुताबिक अब कांग्रेस ने तनुश्री की जगह सुप्रिया श्रीनते को उम्मीदवार बनाया है।
ज्ञात हो कि सुप्रीया सिंह श्रीनेत के पारिवारिक पृष्ठभूमि पर नजर डाले तो पिता की मजबूत राजनैतिक विरासत है। उनके संघर्षों की बुनियाद पर वह जनता के बीच अपना भग्य आजमाएंगी। पिता हर्षवर्धन वर्ष 1889 और वर्ष 2009 में कांग्रेस के टिकट पर सांसद चुने गए थे। वर्ष 1885 से 89 तक फरेंदा के विधायक भी रहे। 4 अक्टूबर 2016 को उनका निधन हो गया। 2 अगस्त 2015 को सुप्रीया के भाई राज्यवर्धन सिंह का भी निधन हो गया। माता विष्णु सिंह का निधन 14 मई 2014 को हुआ था।