नई दिल्ली। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के मौजूदा हालात को देखते दो जगहों से चुनाव लड़ने की अटकलों पर आज उस वक्त पूर्ण विराम लग गया जब पार्टी की बाबत अधिकारिक घोषणा कर दी गई। दरअसल कांग्रेस ने राहुल गांधी के उत्तर प्रदेश की अमेठी लोकसभा सीट के अलावा केरल की वायनाड लोकसभा सीट से भी चुनावी मैदान में उतरने की आज अधिकारिक घोषणा कर दी है। वहीं इस पर भाजपा ने कांगेस और राहुल गांधी को बखूबी आड़े हाथों लिया है।
ज्ञात हो कि पहले से अमेठी सीट पर अपनी नजर जमाये हुए भाजपा ने कांग्रेस और राहुल के इस फैसले पर तंज कसते हुए कहा कि हार के डर से राहुल मुस्लिम आबादी वाली सीट से चुनाव लड़ने जा रहे हैं। इस बाबत केन्द्रीय मंत्री और वरिष्ठ भाजपा नेता रवि शंकर प्रसाद ने कहा यूं तो राहइुल बखूबी जनेऊ धारण कर चुनावी हिन्दू बन जाते हैं लेकिन जब एक सीट से हार का खतरा नजर आता है तो ऐसी सीट पर चुनाव लड़ने को महत्व देते हैं जहां मुस्लिम आबादी ठीक ठाक हो।गौरतलब है कि वायनाड जिले को कांग्रेस का गढ़ माना जाता है। 2009 और 2019 के लोकसभा चुनावों में भी इस सीट पर कांग्रेस ने अपना परचम लहराया था। इस घोषणा के साथ ही पूरे देश की नजर राहुल गांधी की दूसरी सीट वायनाड पर जा टिकी है। ज्ञात हो कि वायनाड लोकसभा सीट के तहत सात विधानसभा क्षेत्र आते हैं। ये हैं- मनंतावडी, तिरुवंबडी, वानदूर, सुल्तानबथेरी, एरनाड, कलपत्ता और निलंबूर विधानसभा सीटें।
ज्ञात हो कि 2009 के लोकसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस ने वायनाड में बड़ी जीत हासिल की थी। कांग्रेस के एमआई शानवास ने सीपीआई के प्रत्याशी एम रहमतुल्लाह को करीब 1.5 लाख वोटों से पछाड़ा था। इस दौरान शानवास को 4,10,703 और रहमतुल्लाह को 2,57,264 वोट मिले थे। जबकि 2014 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को वायनाड लोकसभा सीट पर महज 20,870 वोटों के अंतर से जीत हासिल हुई थी। कांग्रेस उम्मीदवार एमआई शानवास ने सीपीएम के सत्यन मोकेरी से 1.81 प्रतिशत ज्यादा मत हासिल किए थे।
ज्ञात हो कि पहले से अमेठी सीट पर अपनी नजर जमाये हुए भाजपा ने कांग्रेस और राहुल के इस फैसले पर तंज कसते हुए कहा कि हार के डर से राहुल मुस्लिम आबादी वाली सीट से चुनाव लड़ने जा रहे हैं। इस बाबत केन्द्रीय मंत्री और वरिष्ठ भाजपा नेता रवि शंकर प्रसाद ने कहा यूं तो राहुल बखूबी जनेऊ धारण कर चुनावी हिन्दू बन जाते हैं लेकिन जब एक सीट से हार का खतरा नजर आता है तो ऐसी सीट पर चुनाव लड़ने को महत्व देते हैं जहां मुस्लिम आबादी ठीक-ठाक हो।