लखनऊ। प्रदेश में बेलगाम हो चुके बेखौफ अपराधियों के हौसले कुछ इस कदर बुलंद हो चुके हैं कि वो अब तमाम अधिकारियों के सामने भी दिनदहाड़े हत्या करने से नही कतरा रहे हैं। जिसकी बानगी आज राजधानी लखनऊ में उस वक्त देखने को मिली जब जमीनी विवाद के चलते दुस्साहसी अपराधियों ने जमीन की पैमाइश करा रहे राजस्व विभाग के अधिकारियों के सामने ही मंदिर के पुजारी और उसके चालक को गोलियों से भून दिया और फरार हो गए।
मिली जानकारी के मुताबिक राजधानी लखनऊ के चिनहट इलाके के सरायशेख स्थित नंदपुर गांव में बुधवार को दिनदहाड़े बदमाशों ने जमीन के विवाद में पुजारी को गोलियों से भून डाला। जमीन नपाई के दौरान लेखपाल, नायाब तहसीलदार और तहसीलदार के सामने हुई हत्या से इलाके में सनसनी फैल गई। इस गोलकाण्ड में जहां पुजारी स्वामी दिनेशानंद को छह गोलियां लगी जिससे मौके पर ही उनकी मौत हो गई। मृतक के चालक राम सुमिरन को भी गोली लगी है। हमलावर की पहचान राकेश यादव व सुशील यादव के रूप में हुई है। बताया जाता है कि बाबा दिनेशानन्द कई प्रशासनिक अधिकारियों के खास थे।
राजधानी के ट्रांस गोमती इलाके में दिन दिहाड़े हुई इस सनसनी खेज़ घटना की सूचना के बाद एसएसपी कलानिधि नैथानी समेत तमाम आला अफसरान और भारी मात्रा में पुलिस बल मौके पर पहुंच गया। आनन फानन में जहां घायल हुए चालक को अस्पताल पहुचाया गया वहीं मृतक पुजारी के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया। इस घटना के बाबत जानकारी देते हुए एसएसपी कलानिधि नैथानी ने बताया कि बाबा की हत्या ज़मीनी रजिंश के कारण हुई है आरोपियो की गिरफ्तारी के लिए पुलिस की 6 टीमे का गठन किया गया है और जल्द से जल्द हत्यारे पुलिस की गिरफ्त में होंगे।
वहीं बताया जाता है कि 45 वर्षीय बाबा स्वामी दिनेशानन्द गिरी मूल रूप से कूढ़ेभार सुलतानपुर के रहने वाले थे। जो कि यहां अपनी पत्नी रिंकी उर्फ खुशबू द्धिवेदी और चार बच्चो के साथ चिनहट के नन्दपुर गांव स्थित एक कुटिया में रहते थे। बाबा का कोटेदार सुशील यादव से ज़मीन को लेकर विवाद चल रहा था। इतना ही नही बल्कि बाबा ने सुशील पर ग्राम समाज की जमीन कब्जाने का आरोप लगाते हुए डीएम के यहां शिकायत भी करी थी। जिसके चलते सुशील यादव बाबा से बेहद नाराज चल रहा था।
बाबा की शिकायत पर ही कारवाई के तहत जब राजस्व विभाग के अधिकारी जब विवादित स्थान पर ग्राम समाज की ज़मीन की नपाई करने के लिए पहुंचे तो बाबा भी अपने चालक के साथ चालक के साथ बोलेरो गाड़ी से वहां पहुंच गए। अभी जमीन की नपाई चल ही रही थी कि अचानक सुशील यादव अपने एक साथ की बुलट मोटर साईकिल पर सवार होकर आया और उसने बाबा ताबड़तोड़ फायरिंग कर दी वहीं बाबा को बचाने आगे आए चालक को भी गोलियां लग गईं। दोनों बुरी तरह लहुलुहान होकर वहीं गिर पड़े। जबकि मौके पर मौजूद तमाम राजस्व अधिकारियों ने जैसे-तैसे खुद को बचाया।
इस दौरान जहां बाबा को कई गोलियां लगने के चलते मौके पर ही मौत हो गई जबकि वहीं चालक को गंभीर हालत में अस्पताल पहुचाया गया। जबकि हमलावर फायरिंग करते हुए बड़ी ही दबंगई के साथ मौके से फरार हो गए। दिनदहाड़े हुई इस सनसनीखेज घटना के चलते जहां समूचे शासन प्रधासन में हड़कम्प मच गया वहीं एसएसपी कलानिधी नैथानी समेत तमाम आला अफसर मौके पर मय पुलिस फोर्स पहुंच गए। वहीं चुनाव के दौरान जब कि आदर्श आचार संहिता लगी है ऐसे में इस तरह की घटना का होना पुलिस प्रशासन और राजस्व विभाग के अधिकारियों की कहीं न कहीं बड़ी लापरवाही को साफ दर्शाता है। दरअसल जब मामला विवादित था तो ऐसे में बिना पुलिस फोर्स के इस प्रकार से पैमाइश कराया जाना अपने आप में कई बड़े सवाल खड़ा करता है।