काहिरा! मिस्र के शहर असवान में पुरातत्वविदों ने 34 ममियों की खोज की है, जो छठी शताब्दी ईसा पूर्व और चौथी शताब्दी के बीच लेट फैरोनिक और ग्रीको रोमन काल के हैं. रिपोर्ट के मुताबिक, पुरातत्वविदों को ममियों के साथ कुछ कलाकृतियां भी मिलीं, जिनमें मिट्टी के बर्तन, कलाकृति की हुई मजेदार मुखौटे, लकड़ी से बनी प्रतिमाएं भी शामिल थीं. इसके अलावा ममीफिकेशन के लिए कोलतार से बनाए गए बक्से और एक स्ट्रेचर भी मिला जिसका उपयोग मुख्य रूप से शव को मकबरे तक ले जाने के लिए होता होगा.
एक पुराने चित्रलिपि-पाठ से इस बात का संकेत मिला कि बालू के नीचे एक मकबरा छिपा हुआ है. इस चित्रलिपि को टीजेटी नामक एक व्यापारी नेता द्वारा खरीदा गया था. मिस्र के पुरातत्वमंत्री खालेद एल-एनानी ने मिलान विश्वविद्यालय में मिस्रशास्त्र के प्राध्यापक पैट्रीजिया पियासैंटिनी को असवान में इस खुदाई कार्य का संचालन करने के लिए आमंत्रित किया था. पियासैंटिनी ने अब्देलमानम के साथ मिलकर खुदाई कार्य का संचालन किया, जबकि इंजीनियर गैब्रियल बिटैली ने मकबरे का पता लगाया और साथ ही उसमें पाई गई वस्तुओं का 3डी में पुनर्निमार्ण किया.
मकबरे की सतह पर कदम रखने पर पता चला कि अंदर दो दफन कक्ष भी हैं जिन्हें दीवार से बंद कर दिया गया है. पहले कक्ष में लगभग 30 ममियां पुरातत्वविदों के हाथ लगीं. इनमें पुरुष, महिलाएं और बच्चों की बॉडी शामिल थी और इसके पास स्थित दूसरे कक्ष में चार और ममी मिलीं. दो ममियां एक के ऊपर दूसरी रखी हुई थीं, जिससे इस बात का अंदाजा लगाया जा रहा है कि यह किसी मां और उसके बच्चे के शव होंगे.
पियासैंटिनी ने सीएनएन को बताया कि जिन ममियों का पता लगाया गया है, उनके बारे में सही निधार्रण करने के लिए अभी आगे और अध्ययन करने की जरूरत है. इनमें से कुछ बक्सों में अभी भी खाने की चीजें मौजूद हैं, जबकि दो प्रतिमाएं भी मिली हैं जिनकी पहचान बा के रूप में की गई है, जो यहां की एक पक्षी देवता है. इसे मुख्य रूप से आत्मा से जोड़कर देखा जाता है. इस मकबरे की खोज एक व्यापक उत्खनन का हिस्सा था जिसके दौरान पुरातत्वविदों में इस क्षेत्र में लगभग 300 मकबरों की मैपिंग की थी.