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गौतम गंभीर का आरोप, धोनी की वजह से 2011 विश्व कप फाइनल में नहीं हो सका ऐसा

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नई दिल्ली. गौतम गंभीर के 97 और महेंद्रसिंह धोनी के नाबाद 91 रनों की मदद से भारत ने श्रीलंका को 6 विकेट से हराकर 2011 में दूसरी बार विश्व कप खिताब हासिल किया था. मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम में इन दोनों के बीच चौथे विकेट के लिए हुई शतकीय साझेदारी (109 रन) ने भारत की जीत में अहम भूमिका निभाई थी और भारत 28 साल बाद दूसरी बार विश्व चैंपियन बना था. वीरेंद्र सहवाग और सचिन तेंडुलकर के आउट होने के बाद गंभीर ने टीम को संभाला था और वे पारी के 42वें ओवर में थिसारा परेरा की गेंद पर आउट हुए, वे मात्र 3 रनों से शतक चूके थे.

अब इस जीत के 8 साल बाद गौतम गंभीर ने आरोप लगाया कि धोनी की वजह से वे विश्व कप फाइनल में शतक पूरा नहीं कर पाए थे. उन्होंने कहा, मुझसे कई बार पूछा गया कि जब मैं 97 रनों पर खेल रहा था तब क्या हुआ था. मैं सभी को बताना चाहता हूं कि मेरे दिमाग में शतक का कोई विचार नहीं था और मैं सिर्फ श्रीलंका द्वारा दिए गए टारगेट को देख रहा था.

मुझे याद है कि जब ओवर पूरा हुआ तो मेरे साथी बल्लेबाज धोनी ने मुझसे कहा, सिर्फ तीन रन बचे हैं और तुम ये तीन रन पूरे कर लो तो तुम्हारा शतक भी बन जाएगा. धोनी द्वारा शतक की याद दिलाने के बाद मेरे अंदर भी शतक पूरा करने की भावना जाग गई और उसी हड़बड़ाहट में गलत शॉट खेलकर मैं आउट हो गया.

जीवन भर परेशान करेंगे वो तीन रन 

गंभीर ने कहा, इससे पहले मैं सिर्फ श्रीलंका द्वारा दिए गए टारगेट के बारे में सोचकर खेल रहा था तो सब अच्छा चल रहा था, लेकिन जैसा ही मेरा ध्यान भटका और मैंने खुद के शतक के बारे में सोचा तो सब गड़बड़ हो गया. जब मैं आउट होकर पैवेलियन लौट रहा था तो मेरे दिमाग में एक ही बात चल रही थी कि अब ये तीन रन ही मुझे जीवन भर परेशान करेंगे और ऐसा ही हो रहा है. यदि धोनी मुझे शतक की याद नहीं दिलाते और मैं टारगेट को ध्यान में रखकर खेलता रहता तो सब ठीक होता.

गंभीर के आउट होने के बाद धोनी ने युवराज सिंह के साथ पांचवें विकेट के लिए 54 रनों की अविजित साझेदारी कर भारत को वर्ल्ड चैंपियन बनाया. उनके द्वारा लगाया गया विजयी छक्का फैंस कभी भूल नहीं पाएंगे. 91 रनों की नाबाद मैच विजयी पारी के लिए धोनी को मैन ऑफ द मैच चुना गया.

2007 टी20 विश्व फाइनल में भी गंभीर ने बनाए थे सबसे ज्यादा रन 

गंभीर ने इससे पहले 2007 टी20 विश्व कप में भी भारत को चैंपियन बनाने में अहम भूमिका निभाई थी. उन्होंने पाकिस्तान के खिलाफ फाइनल में 75 रनों की शानदार पारी खेली थी, इसके बावजूद वे मैन ऑफ द मैच नहीं चुने गए थे. 16 रनों पर 3 विकेट लेने वाले इरफान पठान को मैन ऑफ द मैच चुना गया था.

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