नई दिल्ली. अगर आपने अभी तक अपनी गाड़ी पर फास्टैग नहीं लगवाया है तो घरबाने की जरूरत नहीं, क्योंकि सरकार ने आपको एक महीने की राहत दी है. बता दें कि आज से नेशनल हाईवे के टोल प्लाजा से गुजरने वाली चार पहिया वाहन पर फास्टैग लगाना अनिवार्य हो गया है, लेकिन सरकार ने लोगों को हो रही दिक्कतों को कम करने के लिए नेशनल हाईवे पर स्थित टोल प्लाजाओं पर एक चौथाई FASTag लेन को एक महीने के लिए हाइब्रिड लेन बनाने की घोषणा की है. इन हाइब्रिड लेन में 15 जनवरी तक फास्टैग के साथ कैश से भी पेमेंट किया जा सकेगा.
परिवहन मंत्रालय ने स्पष्ट किया कि यह अस्थाई उपाय है. इसे केवल 30 दिन के लिए मंजूरी दी गई है. लोगों को कोई दिक्कत नहीं हो इसलिए यह कदम उठाया गया है. सरकार ने इससे पहले टोल प्लाजा से निकलने के लिए फास्टैग को अनिवार्य करने की समय-सीमा 15 दिसंबर तक बढ़ा दी थी.
क्या है फास्टैग?- यह एक तरह का इलेक्ट्रॉनिक टोल कलेक्शन तकनीक है जो नेशनल हाईवे के टोल प्लाजा पर उपलब्ध है. यह तकनीक रेडिया फ्रिक्वेंसी आइडेन्टिफिकेशन (RFID) के प्रिंसिपल पर काम करता है. इस टैग को वाहन के विंडस्क्रीन पर लगाया जाता है ताकि टोल प्लाजा पर मौजूद सेंसर इसे रीड कर सके. जब कोई वाहन टोल प्लाजा पर फास्टैग लेन से गुजरती है तो ऑटोमैटिक रूप से टोल चार्ज कट जाता है. इसके लिए वाहनों को रुकना नहीं पड़ता है. एक बार जारी किया गया फास्टैग 5 साल के लिए एक्टिवेट रहता है. इसे बस समय पर रिचार्ज करना पड़ता है.