नई दिल्ली. बहुजन समाज पार्टी की अध्यक्ष मायावती ने सरकारी नौकरियों में पदोन्नति के मुद्दे पर उच्चतम न्यायालय के फैसले से असहमति व्यक्त करते हुए सोमवार को कहा कि सरकार को इस संबंध में तुरंत कदम उठाने चाहिए. मायावती ने एक ट्वीट में कहा, कल न्यायालय ने ‘प्रमोशन’ में आरक्षण को लेकर जो कुछ कहा है. उससे बसपा कतई भी सहमत नहीं है.
अतः केन्द्र सरकार से मांग है कि वह इस मामले में तत्काल सकारात्मक कदम उठाये. अर्थात् पूर्व की कांग्रेसी सरकार की तरह इसे नहीं लटकाये .
इससे पहले बसपा प्रमुख ने अनुसूचित जाति एवं जनजाति अत्याचार निवारण कानूून को सही ठहराने के उच्चतम न्यायालय के फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि यह दलित समाज की जीत है.
उन्होेंने कहा कि अनुसूचित जाति एवं जनजाति के संघर्ष के कारण ही केन्द्र सरकार द्वारा सन् 2018 में एससी. एसटी कानून में बदलाव को रद्द करके उसके प्रावधानों को पूर्ववत बनाए रखने का नया कानून बनाया गया था, जिसे आज उच्चतम न्यायालय ने सही ठहराया है. उन्होंने कहा, एससी. एसटी समुदाय को बधाई एवं उनके संघर्ष को सलाम ,कोर्ट के फैसले का स्वागत.
न्यायालय ने अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) संशोधन कानून 2018 की संवैधानिक वैधता को बरकरार रखते हुए केंद्र सरकार के संशोधन को सही माना है. एससी-एसटी कानून, 1989 के हो रहे दुरुपयोग के मद्देनजर शीर्ष अदालत ने इस कानून के तहत मिलने वाली शिकायत पर स्वत: प्राथमिकी दायर करने पर और गिरफ्तारी पर रोक लगा दी थी. इसके बाद संसद में न्यायालय के आदेश को पलटने के लिए कानून में संशोधन किया गया था, जिसे फिर से चुनौती दी गई थी.