तेलंगाना. दो जिस्म एक जान की कहावत को 16 साल पहले भगवन ने सचाई में बदल दिया था. उनका खाना-पीना, सोना और उठना-बैठना सब कुछ एक साथ ही बरसों से होते आ रहा है. दो बहनों की इस जोड़ी पर लोगों की जब नजरें पड़तीं तो उनपर ही टिकी जातीं. लेकिन बहनों की इस पक्की जोड़ी को 10वीं का बोर्ड एग्जाम ने दूर करने की भूमिका निभाई है.
दोनों ने अलग-अलग पेपर देने का निर्णय ले लिया. जी हाँ ये दास्ताँ कोई और नहीं बल्कि हैदराबाद की दो जुड़वां बच्चियों की है.तेलंगाना के शिक्षा विभाग ने सिर से जुड़ी जुड़वां बच्चियों वीणा और वाणी को सेकंडरी स्कूल सर्टिफिकेट (10वीं) की परीक्षा में अलग-अलग बैठने की इजाजत दे दी है. शुरुआत में अधिकारी इस बात को लेकर परेशान थे कि दोनों जुड़वां लड़कियों को एक मानें या अलग-अलग मानकर एग्जाम में शामिल होने की अनुमति दी जाए. दोनों सिर से एक-दूसरे से जुड़ी हुई हैं.
हालांकि, मेडिकल साइंस में यह अच्छी तरह से साबित हो चुका है कि एक-दूसरे से जुड़े जुड़वां बच्चे (कंजॉइन्ड ट्विन) दो अलग-अलग जान है जो शारीरिक रूप से जुड़े रहते हैं. हैदराबाद की जिला शिक्षा अधिकारी बी वेंकट नरसम्मा ने कहा कि जरूरत पड़ने पर उन्हें अलग से हॉल टिकट जारी किए जाएंगे. नरसम्मा ने कहा, ‘नवंबर 2019 में हमने वीना और वाणी के मामले पर राज्य सरकार से दिशा-निर्देश मांगते हुए चिट्ठी लिखी थी. हालांकि बाद में इसका निर्णय जिला स्तर पर ही किया गया था.
जिला शिक्षा अधिकारी ने बताया कि जुड़वां बच्चियां अलग-अलग एग्जाम देने की इच्छुक थीं. हालांकि इन जुड़वां बच्चियों की देखभाल कर रहे जिला बाल कल्याण अधिकारी के झांसी ने कहा कि उनसे अभी तक शिक्षा विभाग ने इस संबंध में संपर्क नहीं किया है. जानकारी के अनुसार वीणा और वाणी ने अपने जीवन का एक बड़ा हिस्सा निलॉफर अस्पताल में बिताया है. 15 अक्टूबर 2003 को वारंगल जिले में दोनों का जन्म हुआ था. 12 साल की उम्र में उन्हें एक शेल्टर होम में शिफ्ट कर दिया गया था.