मध्य प्रदेश विधानसभा के फ्लोर टेस्ट पर सुप्रीम कोर्ट आज फैसला सुना सकता है. सुनवाई के दौरान स्पिकर के वकील सिंघवी ने कहा कि सिर्फ स्पीकर को अयोग्यता तय करने का अधिकार है. अगर उनकी तबीयत सही नहीं है तो कोई और ऐसा नहीं कर सकता. स्पीकर ने अयोग्य कह दिया तो कोई मंत्री नहीं बन सकता. इसलिए इससे बचने के लिए स्पीकर के कुछ करने से पहले फ्लोर टेस्ट की बात दोहरानी शुरू कर दी गई.
सिंघवी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट भी स्पीकर के अधिकार क्षेत्र में यू दखल नहीं दे सकता. दलबदल कानून के तहत 2/3 विधायकों का पार्टी से अलग होना जरूरी. अब विपक्ष की ओर से इससे बचने का नया तरीका निकाला जा रहा है. 16 लोगों के बाहर रहने से सरकार गिर जाएगी. नई सरकार में यह 16 विधायक फायदा ले लेंगे.
सिंघवी ने दलील देते हुए कहा कि भाजपा की ओर से बार-बार सिर्फ फ्लोर टेस्ट-फ्लोर टेस्ट की बात दोहराई जा रही है. ये सीधे सीधे स्पीकर के अधिकार क्षेत्र में दखल की कोशिश हो रही है.