भोपाल – मध्यप्रदेश में इतने दिनों से चल रहा सियासी ड्रामा आखिरकार आज सीएम कमलनाथ के इस्तीफे के ऐलान के साथ समाप्त हो गया। सीएम आवास में विधायक दल की बैठक में विचार-विमर्श करने के बाद दोपहर 12 बजे के बाद प्रैस कांन्फ्रैंस के दौरान मुख्यमंत्री कमलनाथ ने अपने पद से इस्तीफा देने का ऐलान करने के साथ ही गवर्नर से मिलने की जानकारी दी। प्रैस कांन्फ्रैंस के दौरान कमलनाथ ने कहा कि हमने 15 महीने सरकार को अच्छी तरह से चलाया और लोगों को अच्छा सुविधाएं मुहैया करवाईं। उन्होंने कहा कि मैने 15 महीने राज्य की सेवा की आखिर मेरा कसूर क्या था। उन्होंने कहा बीजेपी ने 22 विधायकों को प्रलोभन देकर कर्नाटक में बंधक बनाने का काम किया। इसकी सच्चाई देश की जनता देख रही है। करोड़ों रुपये खर्च करके यह खेल खेला गया। कमलनाथ ने कहा कि इन बागी विधायकों को राज्य की जनता माफ नहीं करेगी।
इससे पहले सीएम आवास में कांग्रेस विधायक दल की बैठक हुई जिसमें दिग्विजय सिहं सहित कई बड़े नेता शामिल थे। जानकारी के अनुसार दिग्विजय सिंह ने सुबह ही हार मान ली थी। उन्होंने सुबह कहा था कि अब हमारे पास बहुमत नहीं रहा। बता दें कि राज्य में कई दिनों से सियासी ड्रामा चल रहा था। इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने एक दिन पहले 19 मार्च को ही फ्लोर टेस्ट के नियम-निर्देश जारी करते हुए कहा था कि अदालत जल्द से जल्द बहुमत परीक्षण चाहती है, ताकि हॉर्स ट्रेडिंग को बढ़ावा न मिले। सर्वोच्च न्यायालय ने स्पीकर के 22 में से सिर्फ 6 विधायकों के इस्तीफे मंजूर करने के फैसले पर भी सवाल उठाए थे। इसके बाद गुरुवार को 16 अन्य बागी विधायकों के इस्तीफे भी मंजूर कर लिए गए।
इस पर विधानसभा स्पीकर एनपी प्रजापति ने कहा कि मैंने दुखी मन से विधायकों का इस्तीफा स्वीकार किया। इसके अलावा मेरे पास कोई चारा नहीं था। स्पीकर ने चुनिंदा विधायकों के इस्तीफे स्वीकारने पर कहा कि आरोप तो भगवान राम पर भी लगे थे। लेकिन मैंने निष्पक्षता से कार्रवाई की। यह विवेक स्पीकर का है कि वह कब विधायकों का इस्तीफा स्वीकार करेंगे।