वाशिंगटन. वर्ल्ड बैंक ने अपनी ताजा रिपोर्ट में बताया है कि वैश्विक महामारी कोरोना वायरस के कारण इस साल चीन और पूर्वी एशिया तथा प्रशांत क्षेत्र के अन्य देशों में अर्थव्यवस्था की रफ्तार बहुत धीमी रहने वाली है, जिससे 1.1 करोड़ लोग गरीबी की ओर चले जाएंगे. वर्ल्ड बैंक का कहना है कि पूूर्वी एशिया में इस वर्ष विकास की रफ्तार 2.1 फीसदी रह सकती है, जो 2019 में 5.8 फीसदी थी. बैंक का अनुमान है कि 1.10 करोड़ से अधिक संख्या में लोग गरीबी के दायरे में आ जाएंगे.
यह अनुमान पहले के उस अनुमान के विपरीत है, जिसमें कहा गया था कि इस वर्ष विकास दर पर्याप्त रहेगी और 3.5 करोड़ लोग गरीबी रेखा से ऊपर उठ जाएंगे. इसमें कहा गया है कि चीन की विकास दर भी पिछले साल की 6.1 फीसदी से घटकर इस साल 2.3 फीसदी रह जाएगी.
पूर्वी एशिया और प्रशांत क्षेत्र के विश्व बैंक के मुख्य अर्थशास्त्री आदित्य मट्टू ने कहा कि, यह विश्वव्यापी संकट है, लेकिन इससे चीन समेत पूर्वी एशिया मुल्कों में गरीबी में तेजी से इजाफा होगा. रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि पूर्वी एशिया में 1.1 करोड़ लोग गरीब हो जाएंगे.
आदित्य मट्टू के मुताबिक, आने वाले समय में एशिया में गरीबी बढ़ सकती है. चीन की अर्थव्यव्स्था की वृद्धि दर 2.3 फीसदी पर आ सकती है. कुछ महीने पहले ही वर्ल्ड बैंक ने कहा था कि चीन की वृद्धि दर 5.9 फीसदी रहेगी लेकिन कोरोना वायरस के संक्रमण के कारण हालात और ख़राब हो गए हैं.